चीन के इकोनाॅमिक काॅरिडोर को घेरने के लिए भारत खेल रहा ताइवान कार्ड!

बीजिंग। भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर चीन और भारत के रणनीतिक दौरे के लिए बीजिंग दौरे पर गए हुए हैं। इस मामले में यह बात सामने आई है कि वे चीन से वैश्विक आतंकवाद को लेकर चर्चा करेेंगे। भारत की ओर से वे चीन को आतंकी मसूद अज़हर और अन्य आतंकी मसलों के लिए मनाने का प्रयास भी करेंगे। उनका कहना था कि आतंकवाद को रोकने हेतु भारत और चीन को एक साथ मिलकर लड़ना होगा।

जयशंकर प्रसाद ने चीनी मीडिया के साथ चर्चा की। जिसमें उन्होंने कहा कि चीन बेहद मजबूत है। जयशंकर द्वारा चीन और पाकिस्तान इकोनाॅमिक काॅरिडोर के ही साथ आतंकी मसूद अजहर का मसला उठाया गया। जयशंकर ने बताया कि संप्रभुता भारत के लिए महत्वपूर्ण है। उनका कहना था कि जो काॅरिडोर चीन तैयार कर रहा है वह पीओके से होकर गुजरेगा। गौरतलब है कि जयशंकर प्रसाद की भेंट से भारत को खासी उम्मीदें हैं।

बाॅर्डर डिस्प्यूट दूर करने के लिए दोनों ही देशों के बीच 19 दौर की चर्चा प्रारंभ हो गई। दोनों देश 1 जनवरी 1950 से आपस में चर्चारत हैं। भारत को लेकर चीन ने एनएसजी सदस्यता को लेकर सवाल किए थे और आतंकी मसूद पर यूएन के माध्यम से जारी प्रतिबंधित प्रस्ताव का वीटो लेकर विरोध किया था। भारत अब इन सभी मसलों पर चीन को सहमत करने का प्रयास करेगा। तो दूसरी ओर चीन अपनी कुछ बातें भारत के सामने रखेगा।

समाचार पत्र में जानकारी दी गई है कि भारत चीन को ताइवान कार्ड खेलकर मनाने की तैयारी कर रहा है। भारत ने ताइवान के डेलिगेशन को निमंत्रित क्यों किया। इस तरह का अवसर पहली बार बताया गया है। इतना ही नहीं यह भी कहा गया कि भारत ने ताइवान में साई इंग वेन के प्रेसिडेंट निर्मित होने के बाद कोई डेलिगेशन निमंत्रित किया हो। गौरतलब है कि वेन बीते वर्ष प्रेसिडेंट चयनित हुए थे। समाचार पत्र के माध्यम से कहा गया है कि चीन के आर्थिक काॅरिडोर को घेरने के लिए भारत ताइवान कार्ड खेल रहा है।

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