भारत के द्वारा हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात को पेट्रोरसायन संयंत्रों के साथ ही रिफाइनरी परियोजनाओं में हिस्सेदारी के लिए पेशकश की गई है. देखने को मिल रहा है कि धन के मामले में यूएई काफी सक्षम है और इसको लेकर ही भारत ऊर्जा सेक्टर में उसके साथ अपने समबन्धो को मजबूती प्रदान करना चाहता है. गौरतलब है कि अभी पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी संयुक्त अरब अमीरात की दो दिवसीय यात्रा पर गए हुए है. इस यात्रा को लेकर भी उन्होंने यह कहा है कि भारत के तेल और गैस क्षेत्र में निवेश को लेकर उचित नीति, नियामकीय एवं राजकोषीय हस्तक्षेप किया जाना है. इसके साथ ही उन्होंने निष्पक्ष, पारदर्शी और आकर्षक नीति का वादा भी पेश किया है. इसके साथ ही उन्होंने यहाँ पर संयुक्त अरब अमीरात के निवेशकों को भी निवेश की जानकारी प्रदान की है. गौरतलब है कि पिछेल वर्ष के दौरान ही यूएई के द्वारा भारत में 75 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की गई थी. इस निवेश में ही तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम की पेट्रोरसायन परियोजना में 26 फीसदी हिस्सेदारी 70 करोड़ डॉलर में देने की पेशकश भी शामिल बताई हा रही है. इसके साथ ही जानकारी में यह बात भी सामने आ रही है कि भारत के द्वारा यूएई को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड की बीना रिफाइनरी के को आगे बढ़ाने के लिए 24 फीसदी हिस्सेदारी देने की पेशकश भी की है, बताया जा रहा है कि इसका आंकड़ा 20 करोड़ डॉलर तक भी जा सकता है. बताया यह भी जा रहा है कि इसके अंतर्गत ही रिफाइनरी की क्षमता 60 लाख टन से बढ़ाकर 75 लाख टन सालना की जा सकती है.