नई दिल्ली: अमेरिका ने भारत पर रूस से एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल खरीदने को लेकर कुछ राहत दे ही है। इसके बाद अमेरिकी प्रशासन से अपने रिश्तों को नियंत्रित करने के लिए भारत ने अमेरिका के साथ एक बड़ा सुरक्षा सौदा करने की दिशा में औपचारिक कदम आगे बढ़ाए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक गुरुवार को एनडीए सरकार ने अमेरिकी सरकार को एक पत्र लिखा है जिसमें 13,500 करोड़ रुपये कीमत के 24 एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर का सौदा करने की बात कही गई है। दिल्ली: विजिलेंस टीम पर हुआ जानलेवा हमला, पुलिसवालों पर ही लगे आरोप बता दें कि ये हेलीकॉप्टर कई भूमिकाओं में काम कर सकते हैं। साथ ही ये तारपीडो और मिसाइल सिस्टम से भी लैस हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये सौदा भारतीय नौसेना को बना मजबूत सकता है। 2020-2024 तक ये हेलिकॉप्टर भारत को मिल सकते हैं जो भारतीय नौसेना को मजबूत बनाने का कार्य करेंगे। यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब चीन के परमाणु और डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन प्रशांत महासागर के क्षेत्र में नियमित अंतराल पर नजर आते रहते हैं। एमएच-60 हेलीकॉप्टर की यह डील सरकार से सरकार के बीच होगी। इनका निर्माण सिरलोस्की-लॉकहीड मार्टिन कंपनी अमेरिका के सैन्य बिक्री कार्यक्रम के अंतर्गत करती है। उप राष्ट्रपति ने इस तरह समझाया देशभक्ति का असल महत्व वहीं माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक इस सौदे पर हस्ताक्षर हो जाएंगे। 2007 से भारत ने अमेरिका से होने वाले सैन्य रक्षा सौदे को 17 बिलियन डॉलर तक बढ़ा दिया है। ग्लोबल टेंडर प्रक्रिया के बजाए फ्लेक्सिबल मैनुफैक्चरिंग सिस्टम को आसान और साफ-सुथरा माना जाता है। टेंडर प्रक्रिया में काफी समय लगता है और कई बार यह सौदा भ्रष्टाचार के आरोप लगने की वजह से पटरी से उतर जाता है। भारत ने अपने ज्यादातर हथियार अमेरिका से खरीदे हैं, जिसमें एफएमएस कार्यक्रम के तहत सी-17 ग्लोबमास्टर-3 स्ट्रैटिजिक एयरलिफ्टर्स, सी-130 जे सुपर हरक्युलिस विमान और एम-777 अल्ट्रालाइट होवित्जर शामिल हैं। खबरें और भी मालगाड़ी पटरी छोड़ जमीन पर दौड़ी स्टेशन पर मचा हड़कंप आज इतने गिरे पेट्रोल-डीजल के दाम, आम आदमी को मिलेगी राहत गाजा तूफान ने मचाई तबाही, बारिश और तेज हवाओं से मकान हुए ध्वस्त