नईदिल्ली। भारत का एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता रद्द हो गया है। दरअसल यह रक्षा समझौता इज़रायल के साथ किया गया था। इस समझौते से मेक इन इंडिया को बल मिल सकता था। इस समझौते के तहत स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का निर्माण किया जाना था। यह 500 मिलियन डाॅलर की डील थी। भारत का कहना है कि, भारत मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल को अपने देश में ही विकसित करना चाहता है। इस कार्य में डीआरडीओ बेहतर तरह से कार्य कर सकता है। इस संस्थान को यह जिम्मेदारी दी गई है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र के अनुसार, कहा गया है कि, भारत अब अपने देश में ही, मिसाईल का निर्माण करना चाहता है। मंत्रालय द्वारा, स्पाइक मिसाइल के निर्माण की डील को रद्द कर दिया गया है। वह चाहता है कि, इस तरह की मिसाईल स्वदेश निर्मित हो। उक्त डील के रद्द होने से माना जा रहा है कि, भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की कोशिशें कुछ हतोत्साहित हो सकती हैं लेकिन, भारत स्वदेश निर्मित तकनीक में काफी आगे बढ़ सकता है। इससे भारत की रक्षा उपकरणों का निर्माण करने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, डीआरडीओ को यह मिसाईल बनाने में लगभग 4 वर्ष लग जाऐंगे। स्पाइक मिसाइल, तीसरी पीढ़ी की बेहद घातक मिसाइल है। यह ढाई किलोमीटर की रेंज तक दुश्मन को किसी भी वक्त तबाह कर सकती है। DRDO में निकली भर्ती, शीघ्र करे आवेदन सेना खरीदेगी 40 हजार करोड़ के हथियार यहां निकली जूनियर रिसर्च फेलो के पद पर भर्ती, 28000 रु होगा वेतन