वाशिंगटन: पूरे विश्व में भारत का वर्चस्व लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिका जैसा सुपरपावर भी लगातार इस फैक्ट को स्वीकार कर रहा है। इसी क्रम में व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि भारत, अमेरिका का सहयोगी नहीं बनेगा, बल्कि वह खुद एक सुपरपावर के रूप में उभरेगा। गुरुवार (8 दिसंबर) को एस्पेन सिक्योरिटी फोरम की मीटिंग के दौरान भारत को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए व्हाइट हाउस एशिया समन्वयक कर्ट कैंपबेल (kurt campbell) ने कहा कि उनके विचार में भारत 21वीं सदी में अमेरिका के लिए सबसे अहम द्विपक्षीय संबंध वाला देश है। उन्होंने आगे कहा कि 'मैं किसी भी द्विपक्षीय संबंध के बारे में नहीं जानता, जो विगत 20 सालों में संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत की तुलना में ज्यादा गहरा और सशक्त हो रहा है।' कर्ट कैंपबेल ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) को इस दिशा में अपनी क्षमता का और भी अधिक निवेश करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही प्रौद्योगिकी और अन्य मुद्दों पर एक साथ काम करते हुए दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध बनाने की आवश्यकता है। कैंपबेल ने कहा कि, 'भारत का एक अद्वितीय रणनीतिक चरित्र है। आज का भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका का सहयोगी नहीं बनेगा, बल्कि इसकी एक स्वतंत्र शक्तिशाली देश बनने की इच्छा है। यह एक और बड़ा सुपरपावर बनेगा।' इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दोनों देशों की नौकरशाही में कई अवरोध और ढेर सारी चुनौतियां हैं। पानी में जहर ! हिजाब विरोधी प्रदर्शन से ठीक पहले 1200 छात्र बीमार, सबको एक ही जैसी तकलीफ.. ऐतिहासिक गुरूद्वारे को 'मस्जिद' बताकर कट्टरपंथियों ने जड़ दिया ताला, सिखों के प्रवेश पर रोक महिला की कब्र से निकला बहुमूल्य खजाना, देखकर खोजकर्ता भी रह गए दंग