नई दिल्ली: पहले चाईनीज एप्स को बैन किया, फिर स्मार्टफोन के सेक्टर में चीन को चुनौती दी, अब केंद्र की मोदी सरकार ने PLI स्कीम के जरिए IT हार्डवेयर सेगमेंट में चीनी दबदबे को ध्वस्त करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार ने 17000 करोड़ के प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (PLI) का ऐलान कर दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से IT हार्डवेयर सेगमेंट में भारत को बड़ी सफलता मिलेगी. दरअसल, सरकार का प्रयास है कि, भारत में स्मार्टफोन, लैपटॉप और इससे संबंधित दूसरे उपरकरण भारत में ही बनाए जाएं. अब तक ये तमाम सामान चीन से आयात किए जाते हैं. अब सरकार PLI के तहत उन कारोबारियों को हर किस्म की सुविधा देने पर काम कर रही है. ताकि कारोबारी इनका निर्माण भारत में ही कर सकें. बता दें कि, अब तक भारत में सिर्फ एसेंबलिंग का काम हो रहा था. सरकार PLI स्कीम 2.0 के तहत उन कंपनियों को पूरा कारोबार सेटअप कराने में सहायता करेगी. कोई कंपनी यदि भारत में इनका निर्माण करती है, तो उन कारोबारियों को PLI प्रदान किया जाएगा. इस योजना के तहत उन कंपनियों के कारोबार सेटअप से लेकर निर्माण प्रक्रिया तक में PLI के तहत रकम उपलब्ध कराएगी. दरअसल, भारत पूरे विश्व में दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मैन्युफैक्चर बन चुका है. अब यदि स्मार्टफोन और लैपटॉप के पार्ट्स भी भारत में बनने लगेंगे, तो इस सेक्टर में चीन का दबदबा ख़त्म हो जाएगा और हिंदुस्तान में रोज़गार के जबरदस्त अवसर खुलेंगे. बता दें कि, केंद्र सरकार प्रोडक्शन लिंक का प्रोत्साहन सेक्टर्स को इसलिए दे रही है, ताकि हिंदुस्तान उन क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बन सके. जिनमें हमे अभी किसी दूसरे देश पर आश्रित रहना पड़ता है. इसी की तहत मेडिकल इक्विपमेंट्स, स्टील, ऑटो जैसे सेक्टर्स के लिए भी सरकार ने कई ऐलान किए है. सरकार की इन घोषणाओं का असर भी दिखना आरम्भ हो चुका है. अब IT हार्डवेयर सेक्टर के लिए स्वीकृत किए गए 17000 करोड़ का इस्तेमाल कई चरणों में किया जाएगा. इस राशी को 6 वर्षों में खर्च किया जा सकेगा. उल्लेखनीय है कि, PLI स्कीम का फायदा कंपनियों और कारोबारियों को तो मिलेगा ही, साथ ही इससे देश में हजारों रोजगार नए अवसर भी सृजित होंगे. वहीं भारत में मोबाइल, लैपटॉप और भी दूसरे गैजेट्स की कीमतें भी घटेंगी. सरकार ने इससे पहले IT हार्डवेयर सेगमेंट में मिलने वाली रकम को बढ़ा दिया है. पहले ये रकम 7,350 करोड़ की थी. अब इसे बढ़ाकर 17000 करोड़ रुपए कर दिया गया है. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि, सरकार के इस फैसले से देश में लगभग 75,000 डायरेक्ट नौकरियां पैदा हो सकेंगी. जल्लीकट्टू पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, बताया तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत अरवल में दुखद हादसा, स्कूल जा रही बच्चियों को ट्रक ने रौंदा, 2 की मौत AAP विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी को दिनभर कोर्ट रूम में खड़े रहने की सजा, जानिए क्या है मामला !