नई दिल्लीः वित्तीय गड़बड़ी के कारण आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक पर पाबंदियों का ऐलान कर दिया था। इसी साल अप्रैल में इंडियाबुल्स ने लक्ष्मी विलास बैंक के साथ विलय की घोषणा की थी। इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस ने कहा कि रिजर्व बैंक के इस कदम का उनके विलय योजना पर कोई असर नहीं पड़ेगा। रिजर्व बैंक ने बीते माह के आखिर में निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन्स) करते हुए प्रतिबंधों का ऐलान किया था। इसके बाद सोमवार को बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। इंडियाबुल्स ने लक्ष्मी विलास बैंक के साथ विलय की मंजूरी लेने के लिए मई में आवेदन किया था। इंडियाबुल्स के वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर गगन बंगा ने ताजा स्थिति के बारे में निवेशकों से बात की। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक को पीसीए की निगरानी में रखा गया है। बंगा के अनुसार उसके लिए यह एक मौका है। इसके तहत वह रिजर्व बैंक को भी अन्य रेगुलटरों से इस पर अंतिम फैसला लेने के लिए थोड़ा और समय दे पाएगा। बंगा ने कहा कि यह कोई अंत नहीं है और वह विलय के प्रस्ताव को लेकर बहुत पॉजिटीव हैं। गगन बंगा ने कहा कि अक्टूबर के आखिर तक इंडियाबुल्स को आरबीआई की ओर से इस बारे में प्रतिक्रिया मिल जाएगी और सबकुछ सकारात्मक रहने पर चालू वित्त वर्ष के आखिर तक प्रक्रिया पूरी हो जाने की उम्मीद है। RBI का बड़ा फैसला, अब एटीएम से नहीं निकलेंगे 2000 रुपए के नोट प्याज़ के बाद अब टमाटर ने बढ़ाई लोगों की चिंता, आसमान पर पहुंचे दाम सीमेंट उद्योग ने कचरा प्रबंधन को लेकर कही यह बात