भारतीय सेना की तीनों विंग्स करेंगी ज्वाईंट प्रेक्टिस

नईदिल्ली। भारतीय सेना के तीनों अंगों द्वारा इस वर्ष के अंत में संयुक्त अभ्यास किया जाएगा। यह पहला अवसर होगा जब भारतीय रण शक्ति के तीनों अंग एक साथ युद्ध अभ्यास करेंगे। मंगलवार को तीनों सेना प्रमुखों की मौजूदगी में 51 पन्नों का ज्वाईंट ट्रेनिंग सिद्धांत पत्र जारी किया गया। संयुक्त अभ्यास को लेकर कहा गया है कि, युद्ध की परिस्थितियों में सेना की तीनों विंग्स के बीच आपसी समन्वय हो इसके लिए, यह अभ्यास किया जा रहा है। आपातकालीन परिस्थितियों में तीनों विंग्स अपना - अपना काम आपसी तालमेल और सूझबूझ से कर सकेंगी।

इसके लिए तीनों सेना प्रमुखों नेवी के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ, थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत मौजूद थे। तीनों ने सिद्धांत पत्र को अपनी स्वीकृति दी। कहा जा रहा है कि सिद्धांत पत्र से सेना को विपरीत परिस्थितयों में काम मरने में सहायता होगी। यदि सेना की तीनों विंग्स संयुक्त अभ्यास करेंगी तो इससे भारतीय सेना का रणकौशल मजबूत होगा।

वायु सेना को थल सेना के साथ, वायु सेना को नौसेना के साथ, नौसेना को थल सेना के साथ, नौसेना को वायु सेना के साथ, थल सेना को वायु सेना और नौसेना के साथ कार्य करने में सहायता होगी। गौरतलब है कि नौसेना के जंगी जहाजों के माध्यम से वायु सेना के लड़ाकू विमानों को उड़ाया जाता है तो दूसरी ओर, कई बार थल सेना के जवान हेलिकाॅप्टर और वायुसेना के लड़ाकू विमानों से दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचाए जाते हैं। वायुसेना कई महत्वपूर्ण टैंक्स और आयुधों को दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचाती है।

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