वाशिंगटन: कोरोना वायरस महामारी विश्व के 200 से भी अधिक देशों में 50 हजार से भी अधिक लोगों को मौत के घाट उतार चुकी है। यह वायरस दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका पर भी कहर बन कर टूटा है। ऐसे में वैज्ञानिक, डॉक्टर और इंजीनियरों की टीमें दिन-रात लोगों को इस महामारी से बचाने के लिए मेहनत कर रही हैं। इस संकट के बीच भारतीय इंजीनियरों द्वारा तैयार किए गए वेंटिलेटर का अब अमेरिका भी कायल हो गया है। दरअसल, अमेरिका इस वक़्त कोरोना वायरस का केंद्र बन चुका है। यहां दो लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से ग्रसित हैं। अमेरिकी सरकार से लेकर विशेषज्ञों तक ने एक लाख मौतों कि आशंका जाहिर की है। संकट के इस समय में अमेरिका कम से कम सात लाख वेंटिलेटर्स की कमी से जूझ रहा है। इन हालातों में मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के साथ भारतीय इंजीनियरों ने कम लागत वाला वेंटिलेटर का निर्माण किया है। इस वेंटिलेटर का मूल्य महज 500 अमेरिकी डॉलर है जो कि भारतीय करेंसी के अनुसार लगभग 37,500 रुपये है। आपको बता दें कि मौजूदा समय में अमेरिका में जो वेंटिलेटर्स उपयोग किए जा रहे हैं, उनकी कीमत लगभग 22.50 लाख रुपये है। यानी जो नया वेंटिलेटर तैयार किया गया है वो मौजूदा वेंटिलेटर्स के मुकाबले 60 गुना सस्ता है। अमेरिका ने इस वेंटिलेटर को अंतिम परीक्षण के बाद अगले कुछ सप्ताह में कॉमर्शियल प्रोडक्शन के लिए कार और विमान बनाने वाली 11 अलग कंपनियों को बनाकर देने का आर्डर दे दिया है। रिलायंस को आन पड़ी पैसों की जरुरत, इस तरह करेगी 25 हज़ार करोड़ का बन्दोबस्त लॉकडाउन : दिहाड़ी मजदूरों को मिल सकता है न्यूनतम वेतन, SC में दायर हुई याचिका इस राज्य में तब्लीगी मरकज के 140 लोग निकले कोरोना पॉजीटिव