बीजिंग: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि जानलेवा कोरोना वायरस के कहर के बीच लगभग 80 भारतीय छात्र-छात्राएं अभी भी चीन में हैं, जिसमें से 70 अपनी मर्ज़ी से ठहरे हुए हैं. उन्होंने बताया कि हम उनके साथ लगातार संपर्क कर रहे हैं. दूतावास के दो लोग जोखिम उठाकर चीन गए थे. हमने केवल अपने ही नहीं, बल्कि अपने पड़ोसियों की भी जान बचाई. यह पेशकश हमने सब पड़ोसियों को दिया था, लेकिन केवल मालदीव ने इसे स्वीकारा था. कोरोना वायरस महामारी के केंद्र चीन के वुहान शहर में फंसे भारतीय लोगों को वापस लाने का काम पूरा हो गया है. दो चरणों में लगभग 650 लोगों को सकुशल भारत लाया गया है. भारतीय विमान से रविवार को चीन से 323 भारतीयों के साथ मालदीव के सात नागरिकों को भी नई दिल्ली लाया गया. इससे पहले शनिवार को भी एयर इंडिया बोइंग 747 विमान से 324 भारतीयों को भारत लाया गया था. इस वायरस से चीन में अब तक 700 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 31 हजार 161 लोग संक्रमित हो गए हैं. उच्च सदन में विदेश मंत्री ने बताया कि चीन के वुहान में जो भी भारतीय स्टूडेंट कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच फंसे हुए थे, उनमें से ज्यादातर को भारत वापस लाया जा चुका है. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी भारतीय स्टूडेंट के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की कोई भी जानकारी अभी तक नहीं मिली है. वहीं, स्वदेश लौटे भारतीय छात्रों की गहनता से जांच की जा रही है और उनको निगरानी में रखा गया है. सभी की जांच नेगेटिव पाई गई हैं. कोरोना वायरस से चीन का हाल हुआ बेहाल, वुहान में घर-घर हो रही पीड़‍ितों की तलाश इस कांग्रेस प्रवक्ता ने बिहार सीएम को किया आगाह, कहा-वक़्त आने पर बीजेपी नीतीश कुमार को... WHO ने पेश की चौकाने वाली रिपोर्ट, खतना से महिलाओं पर होगा प्रतिकूल असर