लंदन: भारत ने तमिलनाडु के एक मंदिर से चोरी हुए 15 वीं शताब्दी की कांस्य प्रतिमा की वापसी के लिए लंदन स्थित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के संग्रहालय से आग्रह किया है। संत तिरुमंकाई अलवर की मूर्ति 1967 में सोथबी के नीलामी घर से ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एश्मोलीन संग्राहलय ने प्राप्त की थी। ये प्रतिमा जे।आर बेलमोंट नामक संग्राहकर्ता के संग्रह में थी। संग्रहालय का कहना है कि गत वर्ष नवंबर में एक स्वतंत्र रिसर्चर द्वारा मूर्ति के मूल स्थान के बारे में बताया था। जिसके बाद उसने भारतीय उच्चायोग को इस प्रतिमा के बारे में जानकारी दी। अश्मोलियन संग्रहालय के एक बयान में कहा गया है कि IFP-EFEO के फोटो अभिलेखागार में अनुसंधान 1957 में तमिलनाडु में श्री साउंडराजपेरुमल कोविल के मंदिर में उसी कांस्य को दर्शाता है। बयान में कहा गया है कि संग्रहालय ने आधिकारिक तौर पर गत वर्ष 16 दिसंबर को इस मामले को भारतीय उच्चायोग को जानकारी दी थी, जिसमें संभावित पुलिस रिकॉर्ड समेत अन्य जानकारी का आगाह किया गया था, जो उन्हें कार्य सिद्ध करने में सहायता करेगा। यूके में भारतीय उच्चायुक्त रूचि घनश्याम ने संग्रहालय के "सक्रिय" कदम को जल्द ही मंजूर कर लिया और इस मामले को भारतीय अधिकारियों को आगे बढ़ाने को पहुंचा दिया, जिसमें इस महीने की शुरुआत में संग्रहालय को भेजी गई प्रतिमा की बहाली के लिए औपचारिक आग्रह किया गया था। एश्मोलीन संग्राहलय का कहना है कि इसकी जांच चल रही है। जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा । 3 लाख का मेकअप, डेढ़ करोड़ की ड्रेस, कुछ ऐसा है US की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प का रुतबा ईरान में कोरोना वायरस का कहर देख उड़े पाकिस्तान के होश, उठाया बड़ा कदम क्या चीन को कोरोना वायरस के प्रकोप से मिलेगी निजात ? जानिए WHO का जवाब