श्रीनगर: आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों को कश्मीर घाटी में बड़े स्तर पर फंडिंग करने वाले संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू हो गई है. जमात-ए-इस्लामी पर शिकंजा कसते हुए कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही जम्मू और कश्मीर में उसके द्वारा एकत्रित की गई 52 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्‍त‍ि सील करने 70 से अधिक परिसरों की पहचान की गई है. प्रॉपर्टी सील करने की कार्रवाई UAPA प्रॉपर्टी और एसेट्स प्रावधान के तहत की जा रही है. पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह कुछ ऐसा रहा बाजार का हाल जमात-ए-इस्लामी की कई संस्‍थाओं की पहचान हो चुकी है, जिसमें कई शैक्षणिक संस्‍थाएं, कार्यालय, स्‍कूल भी शामिल हैं. इससे पहले भी दो बार जमात-ए-इस्लामी संगठन की गतिविधियों की वजह से इसे प्रतिबंधित किया जा चुका है. पहली बार जम्मू- कश्मीर सरकार ने इस संगठन को 1975 में दो वर्ष के लिए बैन किया था. जबकि दूसरी दफा केंद्र सरकार ने 1990 में इसे बैन किया था जो दिसंबर1993 तक जारी रहा था. फरवरी में रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ा जीएसटी का संग्रहण आपको बता दें कि हाल ही में गृह मंत्रालय के सूत्रों से पता चला है कि जमात-ए-इस्लामी, आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर फंडिंग करता था. ऐसी सभी जानकारियों के पश्चात् गृह मंत्रालय ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की मीटिंग के बाद कड़ा कदम उठाते हुए जमात-ए-इस्लामी पर बैन लगा दिया है. बताया जा रहा है कि इसके बाद हुर्रियत पर भी कार्यवाही हो सकती है. खबरें और भी:- इस तरह कमाएं 1 लाख रु हर माह, नेशनल इंस्टीट्यूट में करें अप्लाई मूडीज का दावा, 2019, 2020 में 7.3 % रहेगी भारत की आर्थिक वृद्धि दर वीडियोकॉन मामला: चंदा कोचर और वेणुगोपाल के घर-दफ्तर पर ईडी का छापा