नई दिल्ली: कोरोना महामारी के संकट काल में इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि स्वास्थ्य क्षेत्र को मोदी सरकार की ओर से कुछ ना कुछ बड़ा मिलेगा। मोदी सरकार ने कोरोना के मद्देनज़र स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में इजाफा किया है और एक खास योजना भी चलाई है। मोदी सरकार ने बजट के माध्यम से आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना का उपहार देश के लोगों को दिया। स्वास्थ्य बजट में 135 फीसद का इजाफा हुआ है और इसे 94 हजार से 2.38 लाख करोड़ कर दिया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार इस मद में अगले 6 वर्षों में लगभग 61 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने बताया कि इसके तहत प्रारंभिक स्तर से लेकर उच्च स्तर तक की स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय किया जाएगा। नई बीमारियों पर भी फोकस होगा, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से अलग होगा। बजट में ऐलान किया गया है कि 75 हजार ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे। सभी जिलों में जांच केंद्र, 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल खुलेंगे। नेशलन सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल, इंटिग्रेटेड हेल्थ इंफो पोर्टल को और अधिक सशक्त किया जाएगा। 17 नए पब्लिक हेल्थ यूनिट को भी चालू किया जाएगा। केंद्र सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूश ऑफ वर्ल्ड हेल्थ बनाने का भी ऐलान किया है। यही नहीं 9 बायो लैब भी बनाई जाएंगी। कोरोना को ध्यान में रखते हुए चार इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भी बनाए जाने का बड़ा कदम उठाया गया है। बजट प्रस्तुति के बीच स्वास्थ्य सेवा से लेकर वित्त मंत्री ने कहा- "स्वास्थ्य सेवा से लेकर बुनियादी ढांचे तक..." बजट से पहले शेयर बाजार गुलज़ार, सेंसेक्स उछलकर 46800 के पार बजट 2021: वित्त मंत्री बजट भाषण से पहले राष्ट्रपति कोविंद से मिली