दिल्ली : आज से शुरू होने जा रहे कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन में राहुल गाँधी की भूमिका सबसे प्रमुख है. मौजूदा हालात से निपटते हुए पार्टी को आगे बढ़ाने की बड़ी ज़िम्मेदारी अब राहुल के कंधो पर है. आज महाधिवेशन की शुरुआत में राहुल ने सभी दिग्गज नेता जो कांग्रेस के लिए लड़ रहे है और हाथ के पंजे की रक्षा कर रहे है उनका शुक्रिया ऐडा करते हुए कहा, हम बदलाव के दौर में युवाओं के साथ अनुभव को जोड़ना चाहते है. युवा और वरिष्ठ नेता को जोड़ना मेरी जिम्मेदारी है. मगर काँटों से भरे इस ताज को पहने के बाद राहुल के सामने कुछ मुख्य चुनौतियां भी है जो इस प्रकार है. -पार्टी की दशा और दिशा तय करना -अंदरूनी गुटबाजी से पार पाना -पार्टी की लगातार हार को रोकना -2019 के लिए सभी दलों को एक जुट करना -बीजेपी के विजय रथ को रोकना -मोदी के विकल्प के रूप में खुद को साबित करना -पार्टी में बिखराव को रोकना -अन्य दलों के सामने खुद की छवि को सुधारना -सोनिया गाँधी के बिना निर्णय लेने की क्षमता पैदा करना -पार्टी से युवाओं को जोड़ना -कार्यकर्ताओं में जोश भरना और उनका खोया विश्वास जगाना -पुराने नेताओ से तालमेल कायम करना अब अपने ही नाम से ट्वीट करेंगे राहुल गाँधी कांग्रेस के महा अधिवेशन में महामंथन आज राफेल डील पर 36 हजार करोड़ सरकार की पॉकेट में- राहुल गाँधी राहुल लालू के पक्ष में