नई दिल्ली: भारत में तैयार हो रही कलवरी क्लास की तीसरी सबमरीन आईएनएस करंज के चार से पांच माह में नेवी में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है. करंज को 2018 में समुद्र के टेस्ट्स के लिए भेजा गया था और सूत्रों के अनुसार ये परीक्षण सफल हुए हैं. इसी क्लास की चौथी सबमरीन INS वेला भी अगले साल के आखिर तक नेवी में शामिल हो जाएगी.। कलवरी क्लास की पहली दो सबमरीन कलवरी और खंडेरी पहले ही नेवी में भर्ती हो चुकी हैं. कलवरी क्लास की कुल 6 सबरमीन को मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड में तैयार किया जा रहा है. ये सबमरीन 50 दिनों तक समुद्र में रहने में सक्षम है और एक बार में 12000 किमी तक का सफर तय कर सकती हैं. इसमें 8 अफसर और 35 नौसैनिक कार्य करते हैं और ये समुद्र के भीतर 350 मीटर तक गोता लगा सकती हैं. कलवरी क्लास की सबमरीन की समुद्र के भीतर रफ़्तार 37 किमी प्रति घंटा है. इनमें समुद्र के भीतर किसी सबमरीन या समुद्र की सतह पर किसी जहाज को नष्ट करने के लिए तारपीडो होते हैं. इसके साथ ही, ये सबमरीन समुद्र में बारूदी सुरंगें भी बिछा सकती हैं. आपको बता दें कि इंडियन नेवी ने 1997 में सबमरीन बेडे़ को शक्तिशाली बनाने के लिए एक बड़ी योजना तैयार की थी. इसके अंतर्गत 2024 तक नई 24 सबमरीन निर्मित करने की योजना थी, किन्तु ये योजना अभी तय समय से पीछे चल रही है. कलवरी क्लास यानि प्रोजेक्ट 75 के तहत पहली सबमरीन 2017 में नेवी में शामिल हुई है. इस प्रोजेक्ट के अभी 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है. इराक और सीरिया में अब भी मंडरा रहा ISIS का खतरा, यूनाइटेड नेशंस ने किया खुलासा डी.के शिव कुमार को कोरोना ने किया संक्रमित, कांग्रेस में हड़कम लॉकडाउन में बर्बाद हुआ पर्यटन उद्योग, 12 करोड़ नौकरियों पर मंडराया संकट