नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू फिजी की महत्वपूर्ण राजकीय यात्रा पर निकलीं, जहां उन्होंने सुवा में स्टेट हाउस में फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियम मैवलिली काटोनिवेरे से मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत और फिजी के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था। आगमन पर, राष्ट्रपति मुर्मू का पारंपरिक औपचारिक स्वागत किया गया। औपचारिक स्वागत के लिए फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका हवाई अड्डे पर मौजूद थे। यहां महामहिम द्रौपदी मुर्मू को फिजी के राष्ट्रपति ने अपने सर्वोच्च सम्मान कंपैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किया। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस सम्मान के लिए मैं फिजी सरकार की आभारी हूं। यह सम्मान भारत और फिजी के बीच मजबूत और गहरे रिश्ते का प्रतीक है। राष्ट्रपति कैटोनीवरे के निमंत्रण पर होने वाली यह यात्रा भारत की व्यापक एक्ट ईस्ट नीति का हिस्सा है जिसका उद्देश्य प्रशांत क्षेत्र के साथ संबंधों को गहरा करना है। अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति मुर्मू भारतीय प्रवासियों से बातचीत करेंगी और फिजी की संसद में भाषण देंगी। यह पहली बार है जब किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष ने फिजी का दौरा किया है। फिजी के बाद राष्ट्रपति मुर्मू 7 से 8 अगस्त तक न्यूजीलैंड की यात्रा करेंगी। वहां वे प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मिलेंगी, भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगी और एक शिक्षा सम्मेलन में भाग लेंगी। यात्रा का यह चरण भी गवर्नर-जनरल सिंडी कीरो के निमंत्रण पर आयोजित किया जा रहा है। 10 अगस्त को राष्ट्रपति मुर्मू तिमोर-लेस्ते की अपनी यात्रा जारी रखेंगी। राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्ता के आधिकारिक निमंत्रण पर यह यात्रा उल्लेखनीय है क्योंकि यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश की पहली यात्रा है। वह प्रधानमंत्री ज़ानाना गुस्माओ के साथ चर्चा करने वाली हैं। राष्ट्रपति मुर्मू की इन तीन देशों की यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने तथा वैश्विक पहुंच का विस्तार करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। पाकिस्तान, मालदीव और अब बांग्लादेश..! क्या भारत के आसपास अपने प्यादे बिठा रहा चीन ? लालू-तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ीं ! नौकरी के बदले जमीन मामले में CBI ने दाखिल की चार्जशीट 'हम बांग्लादेशी एजेंसियों के संपर्क में हैं, हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए..', संसद में बोले विदेश मंत्री जयशंकर