निजी ट्रेन संचालकों पर लगाम कसने की तैयारी में रेलवे, लेट होने पर देना होगा जुर्माना

नई दिल्ली: प्राइवेट ट्रेन चलाने वाली कंपनियों की ट्रेनें यदि तय वक़्त से बाद में या पहले आईं तो उन्हें भारी जुर्माना चुकाना पड़ेगा. इंडियन रेलवे ने प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर्स के लिए एक ‘परफॉमरमेंस इंडीकेटर’ ड्राफ्ट जारी किया है. बुधवार को जारी किए गए इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि प्राइवेट ट्रेन संचालकों को पूरे साल 95 फीसदी तक वक़्त की पाबंदी पर कायम रहना होगा.

प्राइवेट संचालकों को अपनी आमदनी की सही जानकारी भी देनी होगी. गलत जानकारी देने पर भी उनपर जुर्माना लग सकता है. साथ ही यदि उनके कारण ट्रेनें रद्द हुईं तो भी उन्हें जुर्माना देना पड़ेगा. ड्राफ्ट के अनुसार, यदि कोई ट्रेन किसी भी स्टेशन पर अपने निर्धारित वक़्त से 15 मिनट देरी से पहुंचती है, तो इसे वक़्त की पाबंदी का उल्लंघन माना जाएगा. आपको बता दें कि रेलवे के अनुसार, प्रत्येक प्राइवेट संचालक को प्रत्येक ट्रेन के हिसाब से रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को उपयोग करने के लिए 512 रुपए प्रति किलोमीटर बतौर ढुलाई चार्ज देने होंगे. यदि कोई ट्रेन स्टेशन पर 10 मिनट पहले पहुंचती है, तो प्राइवेट संचालक रेलवे को जुर्माने के रूप में 10 किमी का ढुलाई चार्ज देगा.

अधिकारियों का कहना है ये सब नियम इसलिए लागू किए जा रहे हैं ताकि प्राइवेट ऑपरेटर्स वक़्त की पाबंदी का ध्यान रखें और समय से ट्रेनें संचालित करें. ड्राफ्ट में कहा गया है कि यदि कोई ट्रेन इंडियन रेलवे के कारण किसी स्टेशन पर पहुंचने में लेट होती है तो उसी तरह से परसेंटेज निकालकर हर परसेंट पर रेलवे निजी संचालक को 50 किमी का ढुलाई चार्ज जुर्माने के रूप में देगा.

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