भारतीय रेलवे में अब एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलने वाला है. इंडियन रेलवे पूरी तरह इलेक्ट्रिक इंजन लाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए रेलवे ने ट्रांसपोर्ट कंपनी 'अल्स्टॉम' के साथ 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट के तहत सांझेदारी की है. इस करार के तहत बिहार के मधेपुरा में 800 इलेक्ट्रिक इंजनों का निर्माणकार्य भी शुरू हो गया है. एक रेलवे अधिकारी के मुताबिक WAG-12 कैटेगरी के इलेक्ट्रिक इंजनों में 12,000 HP की पावर होगी. साथ ही इनमें 6,000 टन तक पहुंचने की क्षमता भी होगी. रेलवे के इस प्रोजेक्ट के साथ कई रोजगार पैदा होने की बात भी कही जा रही है. अलस्टॉम ने दावा किया है कि मधेपुरा परियोजना के तहत भारत में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10,000 से ज़्यादा रोज़गार पैदा होंगे. इस परियोजना के अंतर्गत बिहार, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के लोगों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. आपको बता दें कि मधेपुरा रेलवे लोकोमोटिव फैक्टरी 250 एकड़ में फैली हुई है. अल्स्टॉम का कहना है कि इस कारखाने से हर साल करीब 120 इलेक्ट्रिक इंजनों का निर्माण किया जा सकेगा. कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के मद्देनजर अल्स्टॉम महाराष्ट्र के नागपुर और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में भी डिपो स्थापित कर रहा है, यहां लोकोमोटिवों के निवारक और सुधारात्मक रखरखाव का ख्याल रखा जायेगा. बताया जा रहा है कि इन इलेक्ट्रिक इंजनों का इस्तेमाल मालगाड़ियों में किया जाएगा. साथ ही इन इंजनों में पर्यावरण के अनुकूल एलईडी लाइट का उपयोग किया जाएगा जो कम वोल्टेज केबल से लैस होगा. जहां तक इसकी स्पीड क्षमता की बात है तो अल्स्टॉम का कहना है कि बिजली से चलने वाले ये इंजन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की टॉप स्पीड पकड़ने में सक्षम होंगे. ट्रेनों में ज्यादा पैसे लेने वाले वेंडर्स पर अब ऐसी लगी लगाम अब IRCTC से भी बुक करें ओला कैब ट्रैन के हर हॉर्न का होता हैं खास मतलब, जानिए आप भी