भारतीय रॉकेट्स को मिली नई तकनीक, ISRO ने किया 30 केएन हाइब्रिड मोटर का सफल परिक्षण

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाइब्रिड मोटर (Hybrid Motor) की सफल टेस्टिंग की है। इस परिक्षण से प्रक्षेपण वाहनों यानी की रॉकेट (Rocket) को अंतरिक्ष में भेजने में बहुत मदद मिलेगी, क्योंकि इस मोटर के कारण जब रॉकेट लॉन्च किया जाएगा, तो ये मोटर रॉकेट को अधिक ऊर्जा प्रदान करेगी। जिससे रॉकेट पहले की तुलना में ज्यादा रफ़्तार से ग्रेविटेशनल फोर्स के अपोजिशन में पुश कर सकेगा। 

बेंगलुरु स्थित इसरो हेडक्वार्टर ने जानकारी दी है कि 30 केएन हाइब्रिड की इस मोटर का तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रणोदन कॉम्प्लेक्स (IPRC) में मंगलवार को टेस्टिंग की गई, जो सफल रही। संगठन ने जानकारी दी है कि इस परीक्षण में इसरो की लिक्विड प्रणोदल प्रणाली केंद्र (LPSC) ने सहयोग किया। बयान में कहा गया है कि मोटर में हाइड्रॉक्सिल- टर्मिनेटेड पॉलीब्यूटाडाइन (HTPB) को फ्यूल के तौर पर उपयोग किया गया। ISRO ने बताया कि सॉलिड-सॉलिड या लिक्विड-लिक्विड समिश्रण के विपरीत हाइब्रिड मोटर सॉलिड फ्यूल और लिक्विड ऑक्सीजन को यूज करती है जिस कारण यह पिछली मोटर्स की तुलना में अधिक असरदार साबित हो सकता है।

इसरो (ISRO) ने जानकारी दी है कि मंगलवार को 30केएन हाइब्रिड मोटर की टेस्टिंग के दौरान यह मोटर तय 15 सेकेंड तक निरंतर काम करती रही और इसकी परफार्मेंस बेहद अच्छी रही। ISRO का कहना है कि अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले रॉकेट में एचटीपीबी (HTPB) और लिक्विड ऑक्सीजन (Liquid Oxygen) को मैनेज करना ज्यादा आसान है। इस मोटर में इसी ईंधन का इस्तेमाल किया जाएगा। 

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