जम्मू: कश्मीर घाटी में पिछले दो साल के दौरान सक्रिय हुए स्थानीय आतंकियों में लगभग सात पासपोर्ट और वीजा के आधार पर पाकिस्तान अपने रिश्तेदारों से मिलने गए, लेकिन जब लौटे तो जिहादी बनकर। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो सिर्फ यही सात नहीं, कई ऐसे युवक जो पढ़ाई-रोजगार के लिए विदेश या देश के विभिन्न हिस्सों में गए और बाद में जब वे आए तो खुरापात का मंसूबा साथ लिए लौटे। यूपी डिफेंस एक्सपो का समापन करने, कानपूर पहुंचे योगी आदित्यनाथ यहां बता दें कि देश के कश्मीर में आतंकी संगठनों का खौफ ज्यादा ही है। वहीं बता दें कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, दुबई, ईरान, इराक, थाईलैंड, मलेशिया और कुछ अफ्रीकी मुल्कों को जाने वाले कश्मीरी युवकों के बारे में सुरक्षा एजेंसियों ने महीन छानबीन शुरू कर दी है। इन मुल्कों में जिहादी तत्वों का एक मजबूत नेटवर्क है। इसके अलावा दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु, महाराष्ट्र और पंजाब के विभिन्न शहरों में पढ़ाई के लिए गए कश्मीरी युवकों के बारे में भी गहनता से पड़ताल की जा रही है। उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, महाराष्ट्र व गुजरात स्थित मदरसों में जाने वाले युवकों के बारे में भी पता किया जा रहा है। तमिलनाडु: गाजा तूफान में हुई 11 लोगों की मौत, हजारों लोगों को भेजा गया सुरक्षित स्थान पर गौरतलब है कि देश में वर्तमान समय में लगातार ही आतंकी सरगना विस्फोट कर रहे हैं। जिससे आम नागरिकों का जीवन अत्यंत दयनीय हो गया है। वहीं सुरक्षा एजेंसी के एक अधिकारी के अनुसार जालंधर में एक पुलिस स्टेशन पर हुए हमले और वहां के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों के अंसार-उल-गजवा-ए-हिंद से जुड़े होने के बाद विभिन्न राज्यों में पढ़ रहे कश्मीरी युवकों पर पैनी नजर है। खबरें और भी अयोध्‍या: राम मंदिर निर्माण के लिए दिल्‍ली के रामलीला मैदान में जुटेंगे पच्चीस हजार मुस्लिम आंध्र प्रदेश के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकेगी सीबीआई, राज्य सरकार ने वापस ली सहमति साक्षी महाराज का दावा, 6 दिसम्बर से शुरू हो सकता है राम मंदिर निर्माण