सरकार से नहीं मिली मदद, घर बेचकर इस शख्स खोली बैडमिंटन अकादमी

विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और राष्ट्रमंडल खेलों में युगल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतने वाली शटलर ज्वाला गट्टा को राज्य और केंद्र सरकार से कोई मदद नहीं मिली तो पिता उनका सहारा बन गए. पिता ने सेवानिवृत्ति के बाद मिले सारे पैसे और अपना घर बेचकर अकादमी खोलने का बेटी का लंबे समय से अधूरा सपना पूरा किया. ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और बॉक्सर विजेंदर सिंह की मौजूदगी में ज्वाला ने मंगलवार को हैदराबाद में कई खेलों की अकादमी खोलने की घोषणा की. ज्वाला ने कहा कि वह रियो ओलंपिक के बाद से अकादमी खोलने के लिए केंद्र के अलावा राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रही थीं. केंद्र ने आश्वासन तो दिया लेकिन मदद नहीं मिली. पिता क्रांति गट्टा सेवानिवृत्त हुए तो उन्होंने कहा कि वह उनकी अकादमी खोलने में मदद करेंगे. इसके बाद उन्होंने हैदराबाद के सुजाता स्कूल में 55 एकड़ पर अकादमी खोलने का निर्णय लिया है. 

गुरु को बनाएंगी मेंटर: जब इस बारें में ज्वाला से बात की गई तो उन्होंने बतया कि आज वह जो कुछ भी हैं द्रोणाचार्य अवार्डी गुरु मोहम्मद आरिफ की वजह से हैं. वह उन्हें भूल नहीं सकती हैं. उन्होंने अकादमी का मेंटर आरिफ को बनाया है. उन्होंने अकादमी भारतीय कोच गोपीचंद से किसी वैमनस्यता की वजह से नहीं खोली है. गोपीचंद अकादमी भी शहर में है इससे स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होगी जिसका फायदा खेलों को ही मिलेगा.

रियो के बाद बाहर करने का अब भी है दुख: वहीं रियो ओलंपिक के बाद ज्वाला को अचानक टीम से बिना किसी कारण बाहर कर दिया गया था. उन्हें इसकी सूचना तक नहीं दी गई. इसका दुख उन्हें आज भी है. वह कहती हैं कि उन्हें कम से कम इसका कारण बताना चाहिए था, लेकिन उन्हें मालूम है यह सब किसकी वजह से हुआ. उन्होंने अभी तक संन्यास नहीं लिया है और अपनी अकादमी में बच्चों के लिए वह फिर रैकेट उठाएंगी.

भारत- वेस्टइंडीज टी20 मैच का पास न मिलने पर पूर्व कप्तान हुए नाराज, कर दी शिकायत

भारत की बराबरी करना चाहता है पाकिस्तान, पिंक बॉल से खेलने का प्रयास

भारत में डोपिंग के मामले पर खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कही ये बात

Related News