नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए पूरे भारत में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. सड़कें सूनी हैं, धार्मिक स्थल बंद हैं. लोगों से घरों में रहने का आग्रह किया जा रहा है. दूरदर्शन पर फिर से मशहूर सीरियलों 'रामायण' और 'महाभारत' का प्रसारण शुरू किया गया है. इस बीच, देश के नामी धर्मगुरुओं ने भी लोगों से लॉकडाउन की गाइडलाइन का पालन करने और घरों के भीतर सुरक्षित रहने का आग्रह किया है. धर्मगुरुओं का संदेश साफ़ है कि लोग कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी का पालन करें, घर में रहकर पूजा-पाठ करें. खुद और परिवार के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें. हिंदू धर्म आचार्य सभा के महासचिव और समन्वयक स्वामी परमात्मानंद ने अपने संदेश में कहा कि कोरोना वायरस में केवल हमारे देश को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को महासंकट में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि इस तकनीकी युग में, जब सूचनाओं की बाढ़ आ रही है तब हम बेसहारा होने का अनुभव कर भय और चिंता से ग्रस्त हो जाएं, ऐसा स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि ऐसे वक़्त में हमें सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए. सबसे प्रमुख सोशल डिस्टेंसिंग के लिए घर में ही रहें और कहीं बाहर आने-जाने का प्रयास न करें. इसके साथ ही घर के मंदिर में या मन में ही प्रभु से प्रार्थना करें कि हम सभी इस खतरे से जल्द निकल जाएं. चिकित्सा राहत के वैकल्पिक उपायों के लिए सभी प्रयास करें : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद क्या राजमाता के पदचिन्हों पर चल रहे हैं सिंधिया? मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को जल्द होगा भुगतान