वाशिंगटन: कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में OpenAI के खिलाफ आवाज उठाने वाले भारतीय मूल के युवक सुचीर बालाजी अपने फ्लैट में संदिग्ध परिस्थिति में मृत पाए गए हैं। 26 नवंबर 2024 को पुलिस ने सुचिर के फ्लैट से उनका शव बरामद किया था। हालाँकि, अब तक की जांच के बाद पुलिस इसे फिलहाल आत्महत्या का मामला बता रही है, किन्तु कई लोग उनकी मौत को लेकर गड़बड़ी की आशंका जता रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सैन फ्रांसिस्को पुलिस ने बताया कि सुचीर बालाजी के करीबी मित्रों ने उनकी सेहत को लेकर चिंता जताई थी, क्योंकि कुछ समय से सुचिर किसी के संपर्क में नहीं थे। इसके बाद जब पुलिस उनके फ्लैट पर पहुंची, तो दोपहर 1 बजे वहां से उनका शव बरामद किया। मेडिकल जाँच में भी किसी प्रकार की गड़बड़ी के संकेत नहीं मिले हैं। उल्लेखनीय है कि, कुछ समय पहले ही सुचीर बालाजी ने OpenAI और उसके प्रोडक्ट चैटजीपीटी पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर दावा किया था कि OpenAI ने चैटजीपीटी को ट्रेन करने के लिए इंटरनेट से डेटा चोरी कर कॉपीराइट का उल्लंघन किया और इससे व्यवसायों व उद्यमियों को नुकसान पहुँचाया। उन्होंने 23 अक्तूबर 2024 को एक इंटरव्यू में कहा था कि, “OpenAI का मॉडल इंटरनेट के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरनाक है। यदि आपको मेरी बात पर विश्वास है, तो कंपनी छोड़ दें। यह एक गलत दिशा में जाने वाला मॉडल है।” सुचीर बालाजी ने OpenAI में एक रिसर्चर के रूप में काम किया था, वे इसे अच्छी तरह समझने लगे थे। हालाँकि, शुरुआत में उनका मानना था कि AI से समाज को बहुत लाभ हो सकता है, जैसे बीमारियों का इलाज और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकना, मगर 2022 आते-आते उनके विचार बदलने लगे। ये तब की बात थी, जब शायद दुनिया के बड़े हिस्से में AI पहुंचा ही नहीं था। इसके बाद ही सुचिर को अहसास हुआ कि चैटजीपीटी को ट्रेन करने के लिए इंटरनेट के डेटा का व्यापक स्तर पर विश्लेषण किया जा रहा है, जो प्राइवेसी और एथिक्स के खिलाफ है। इस बयान के लगभग एक महीने के अंदर उनकी मौत हो गई। सुचीर की मौत के बाद उनके समर्थक और कुछ विशेषज्ञ इसे संदेह की नजर से देख रहे हैं। उनका कहना है कि सुचीर के पास OpenAI के खिलाफ मुकदमे के लिए अहम जानकारी थी, जो कई रहस्यों से पर्दा उठा सकती थी। ऐसे में उनकी मौत सिर्फ आत्महत्या नहीं हो सकती। वहीं, पुलिस ने मामले को ख़ुदकुशी मानते हुए गहराई से जाँच करने की बात कही है। हालांकि, इस मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या यह वाकई आत्महत्या है, या फिर कोई साजिश? एक और अतुल सुभाष..! ट्रेन के सामने कूदकर हेड-कांस्टेबल ने दी जान, पत्नी-ससुर पर लगाए गंभीर आरोप महाकुंभ 2025 के लिए UPSTRC की 350 बसें तैनात, श्रद्धालुओं के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी बांग्लादेशी हिन्दुओं पर हो रहे इस्लामी अत्याचार के खिलाफ इजराइल ने उठाई आवाज़, लेकिन भारतीय राजनेता कब बोलेंगे?