क्या कर रही राष्ट्र सरकार, भारतीयों ने पढ़ाई के लिए अमेरिका में खर्चे इतने करोड़ ?

नई दिल्ली: देश में माध्यमिक शिक्षा हो या उच्च शिक्षा हर स्तर की शिक्षा को सुधारने के लिए सरकार द्वारा बड़े-बड़े वादे किये जाते हैं, कई बार ये भी लगता हैं कि ये वादे केवल कागजो तक ही सीमित रह जाते हैं. इन्हें बाहर आने का अवसर ही प्राप्त नहीं होता हैं. यहां हम बात कर रहे हैं, उच्च शिक्षा की. आज आपको उच्च शिक्ष से जुड़ी ऐसी सच्चाई से रूबरू कराएंगे कि इसे जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे.

उच्च शिक्षा का ख्याल आते ही सबसे पहले दिमाग में आईआईटी, आईआईएम और कुछ कॉलजों, विश्वविद्यालों की तस्वीर हमारे सामने आती हैं. देश में उच्च शिक्षा का कुल बजट 25 हजार करोड़ हैं. फिर भी शिक्षा संबंधी हालात जस के तस बने हुए हैं. एक सवाल ये भी उठता है कि हजारों करोड़ का बजट होने के बावजूद भी शिक्षा के हालात सुधर क्यों नहीं पा रहे हैं. एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ देश के विद्यार्थियों ने विदेशों में हजारों करोड़ रु निवेश कर डाले, जिसमे से अमेरिका में ही केवल वर्ष 2016-17 में 6.54 अरब डॉलर यानी 42835 करोड़ रूपये निवेशित कर दिए हैं.

ये आंकड़े क्या दर्शाते हैं...

जून में हरियाणा के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में चपरासी के 92 पदों के लिए 22 हजार आवेदन किए गये. इस नौकरी के लिए आवेदन करने वालों में एमफिल, एमबीए और एमए की डिग्री लेने वाले भी लोग भी शामिल थे. वहीं साल 2015 में यूपी विधानसभा में चपरासी के पद के लिए 368 वैंकेंसी के लिए 23 लाख लोगों ने आवेदन किया जिनमें 255 पीएचडी, 1.5 लाख बीटेक-बीए-बीकॉम और 25 हजार एमफिल और एमकॉम की डिग्री वाले शामिल थे.

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