नई दिल्ली: भारत और रूस जल्द ही कामोव-226 हेलीकॉप्टर, लड़ाकू नौसेना पोत समेत कई तरह की अन्य रक्षा निर्माण परियोजनाओं में साझेदार बन सकते हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि इसके लिए गुरुवार को भारत और रूस के रक्षा मंत्रियों के बीच विस्तार से चर्चा हुई है और दोनों देशों का मानना है कि इस साझेदारी से आपसी संबंध और ज्यादा मजबूत होंगे। राफेल विवाद: प्रधानमंत्री मोदी को 'चोर' कहने वाले राहुल, क्या अदालत के फैसले के बाद मांगेंगे माफ़ी ? वहीं बता दें कि रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके रूसी समकक्ष जनरल सर्गेई शोइगू ने यहां भारत-रूस अंतर-सरकार आयोग-सैन्य तकनीकी सहयोग की 18वीं बैठक में शिरकत की है। वहीं बता दें कि बैठक में दोनों पक्षों ने मेक इन इंडिया के तहत रूस में निर्मित सैन्य उपकरणों के स्पेयर-पार्ट्स को भी भारत में संयुक्त साझेदारी में बनाए जाने पर आगे बढ़ने के लिए सहमति जताई। नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान का काला तीतर स्टेच्यू किया भेंट, शिकायत दर्ज इसके साथ ही शोइगू की भारत यात्रा इसलिए भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि दोनों देशों के बीच रूसी एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने के सौदे पर हस्ताक्षर हो चुके हैं और साथ ही भारतीय नेवी के लिए गोवा में मिलकर दो लड़ाकू पोत बनाने का सौदा भी तय हो चुका है। यहां बता दें कि रूसी सरकार के स्वामित्व वाली हथियार निर्यातक कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने भारत के लिए कम दूरी का एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम बनाने के टेंडर में 3 अरब डॉलर की सबसे कम दाम वाली बोली लगाई है। खबरें और भी आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा नए मतदाताओं-पद यात्राओं से करेगी सपा-बसपा का मुकाबला जब कमाठीपुरा में सेक्स वर्कर्स के बीच पहुंचे रामकथा वाचक मोरारी बापू आज होगी नए गवर्नर की अध्यक्षता में केंद्रीय बोर्ड की बैठक