भारत का चीन को सीधा जवाब, हमारा इलाका करों खाली

लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर अतिक्रमण को लेकर जारी गतिरोध का समाधान निकालने के लिए भारत और चीन के शीर्ष सैन्य कमांडर स्तर पर हुई बातचीत तनाव घटाने की दिशा में सकारात्मक मानी जा रही है. सूत्र बताते हैं कि शनिवार को हुई इस बैठक में भारत ने चीन से दो-टूक कहा है कि तनाव घटाने के लिए एलएसी पर अप्रैल की पूर्व स्थिति को बहाल किया जाना जरूरी है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि जब तक चीनी सैनिक एलएसी का सम्मान करते हुए पीछे नहीं हटते तब तक भारतीय सेना मजबूती से डटी रहेगी. साथ ही भारत ने अपने इलाके में किए जा रहे निर्माण पर चीन की आपत्तियों को भी अनुचित बताया है. मालूम हो कि लद्दाख में एलएसी पर चीन के सबसे गंभीर अतिक्रमण का बातचीत से हल निकालने की दोनों देशों की घोषणा के तहत शनिवार को शीर्ष कमांडर स्तर की सैन्य वार्ता हुई.

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इसके अलावा चुशूल सेक्टर के सामने चीन के मोल्डो सैन्य बेस में हुई इस बैठक में भारत का नेतृत्व लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया और उनके साथ दो ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी भी शामिल थे. चीनी प्रतिनिधिमंडल की अगुआई पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के दक्षिण शिनजियांग सैन्य कमांड के मेजर जनरल लियो लिन ने किया. हालांकि बातचीत को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है. एक सैन्य प्रवक्ता ने केवल इतना कहा कि भारत और चीन के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर गतिरोध का हल निकालने के लिए वार्ताओं का दौर अभी जारी रहेगा. समझा जाता है कि तीन घंटे से अधिक चली इस बैठक में भारत ने एलएसी पर चीनी अतिक्रमण पर अपनी गंभीर आपत्ति जताते हुए पहले की स्थिति बहाल किए जाने को तनाव खत्म करने के लिए अपरिहार्य बताया है.

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