एसएंडपी ग्लोबल की "लुक फॉरवर्ड, इंडिया मूमेंट" नामक एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था अगले दशक में महत्वपूर्ण विकास के लिए तैयार है। रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2023-24 (वित्त वर्ष 2024) और वित्तीय वर्ष 2030-31 के बीच 6.7% की औसत वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है, जिसमें जीडीपी वित्त वर्ष 2023 में 3.4 ट्रिलियन डॉलर से वित्त वर्ष 31 तक 6.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। अन्य देशों के सामने वैश्विक अनिश्चितताओं और संक्रमण के बीच, एसएंडपी का मानना है कि भारत अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने के लिए इस क्षण को भुना सकता है। आने वाले दशक में भारत के लिए मैक्रो चुनौतियों में से एक पारंपरिक रूप से असमान विकास को अधिक स्थिर और उच्च प्रवृत्ति में बदलना है। रिपोर्ट में स्वस्थ कॉर्पोरेट बैलेंस शीट को देखते हुए निवेश को बढ़ावा देने में भारतीय निजी क्षेत्र की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। इसके अतिरिक्त, दक्षता बढ़ाने वाले सुधारों के साथ भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे के निर्माण के कारण उत्पादकता योगदान से वृद्धि की उम्मीद है। एसएंडपी का अनुमान है कि पूंजी भारत की औसत जीडीपी वृद्धि में 53% का योगदान देगी, जबकि उत्पादकता विकास का 30% हिस्सा होगी। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की एशिया-प्रशांत कंट्री रिस्क की प्रमुख दीपा कुमार ने कहा कि अधिक प्रभावशाली वैश्विक खिलाड़ी बनने का भारत का रास्ता अपने संघवाद संतुलन अधिनियम को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और जमीनी हितों को जुटाने पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट में वैश्विक विनिर्माण निर्यात में भारत की क्षमता पर भी जोर दिया गया है। इसमें स्मार्टफोन सहित दूरसंचार उपकरणों के लिए भारत के निर्यात उद्योग के विस्तार का उदाहरण दिया गया है, जो वित्त वर्ष 2023 में 11.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया। रिपोर्ट में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश को अगले दशक में भारत के शीर्ष 5 विकासशील राज्यों के रूप में पहचाना गया है। महाराष्ट्र के 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के करीब पहुंचने का अनुमान है, जिससे भारत की आर्थिक संभावनाओं को और बढ़ावा मिलेगा। अंत में, एसएंडपी रिपोर्ट भारत के आर्थिक विकास के लिए एक आशाजनक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, बशर्ते यह आने वाले वर्षों में अपनी ताकत का प्रभावी ढंग से लाभ उठाए और विवेकपूर्ण नीतियों को लागू करे। 'आप लोकसभा के संरक्षक हैं, सदन में वापस आ जाइए..', नाराज़ ओम बिड़ला को मनाने पहुंचे कांग्रेस सांसद अधीर रंजन 'मेक इन इंडिया' के लिए मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, इन चीजों के आयात पर लगाई रोक जब सरकार ने जनता को बिना बताए गिरवी रख दिया था देश का 67 टन सोना! सामान खरीदने तक को नहीं बचे थे पैसे