नई दिल्ली: अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने कोरोना संक्रमण के प्रकोप तथा उसके चलते कई प्रदेशों तथा शहरों में लागू लॉकडाउन के मद्देनजर वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान को 11.7 प्रतिशत से घटाकर 11.1 प्रतिशत कर दिया। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर खतरनाक रूप ले चुकी है तथा इस बीमारी से अब तक 2।22 लाख व्यक्तियों की मौत हो चुकी है, जबकि प्रतिदिन संक्रमण के 3.5 लाख नए केस सामने आ रहे हैं। वही इस वजह से पूरे देश में सख्त लॉकडाउन की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। हालांकि आर्थिक हानि को देखते हुए मोदी सरकार ने अभी तक इस कदम से परहेज किया है। गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में कहा, 'लॉकडाउन की तीव्रता बीते वर्ष के मुकाबले कम है। फिर भी भारत के प्रमुख शहरों में सख्त प्रतिबंधों का प्रभाव साफ नजर आ रहा है।' शहरों में सख्त लॉकडाउन से सेवाओं पर विशेष रूप से प्रभाव पड़ा है। इसके अतिरिक्त बिजली की खपत और अप्रैल में विनिर्माण पीएमआई के स्थिर रहने से विनिर्माण क्षेत्र पर असर पड़ने के संकेत भी मिल रहे हैं। गोल्डमैन सैक्स ने कहा, 'कुल मिलाकर, अधिकतर संकेतक अभी भी बता रहे हैं कि बीते वर्ष दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) के मुकाबले इस बार प्रभाव कम पड़ा है।' ख़त्म हुए चुनाव, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में फिर लगी आग, जानिए आज के भाव एयर इंडिया के पायलट्स का ऐलान- जल्द ही कोरोना वैक्सीन नहीं लगी तो बंद कर देंगे फ्लाइट्स भारत में हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रही है कोरोना की दूसरी लहर