नई दिल्ली: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे ने एक इंटरव्यू में कई महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपनी राय दी। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों, अमेरिका-चीन के बीच आर्थिक संबंध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की बढ़ती भूमिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत के उभरते प्रभाव पर चर्चा की। डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर बोलते हुए ब्रेंडे ने कहा कि ट्रंप व्यापारिक समझौतों को एक सौदेबाजी की तरह देखते हैं। उदाहरण के लिए, उन्होंने कहा कि ट्रंप ने मैक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने की बात कही थी, लेकिन साथ ही संकेत दिया था कि अगर मैक्सिको अवैध आव्रजन और ड्रग तस्करी रोकने में सहयोग करता है, तो टैरिफ लागू नहीं होगा। भारत की भूमिका पर उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध काफी अच्छे हैं। भारत अमेरिका का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, और अमेरिका वैश्विक अर्थव्यवस्था का 27% योगदान देता है। भारत में बढ़ते विदेशी निवेश और "मेक इन इंडिया" जैसी पहल के कारण कई कंपनियां भारत को एक बड़े विनिर्माण हब के रूप में देख रही हैं। उन्होंने एप्पल का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में इस साल 10 बिलियन डॉलर के आईफोन बनाए जाने की उम्मीद है। चीन के संदर्भ में ब्रेंडे ने कहा कि पहले की तुलना में अब अमेरिका-चीन व्यापार कम हो गया है, लेकिन चीन अभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक बड़ा विनिर्माण केंद्र बना हुआ है। हालांकि, चीन से कई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भारत, वियतनाम और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की ओर शिफ्ट हो रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बात करते हुए उन्होंने इसे एक परिवर्तनकारी तकनीक बताया, जो क्वांटम कंप्यूटिंग के साथ मिलकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा को और बढ़ावा देगी। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी और व्यापारिक संबंधों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं आपस में इतनी गहराई से जुड़ी हुई हैं कि उन्हें अलग करना आसान नहीं होगा। भारत की जीडीपी और विकास के भविष्य पर उन्होंने कहा कि अगर सरकार बुनियादी ढांचे, शिक्षा और अनुसंधान में निवेश करती है और लालफीताशाही को कम करती है, जो की हो रही है, तो भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत गति से बढ़ेगी। उन्होंने भारत को वैश्विक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला देश बताया और कहा कि मध्यम और दीर्घकालिक भविष्य में भारत के आर्थिक प्रदर्शन के प्रति वह आशावादी हैं। ब्रेंडे ने भारत को "G3" का हिस्सा मानते हुए कहा कि यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके बढ़ते प्रभाव से न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को फायदा होगा। कांग्रेस सांसद की सीट से मिली नोटों की गड्डियां, राज्यसभा में मचा बवाल, भाजपा हमलावर गुजरात से 13 फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार, 22 सालों से चला रहे थे ठगी का धंधा '12 वर्षीय मासूम की किडनैपिंग, फिर बार-बार बलात्कार...', खुद सुनाई दरिंदगी की दास्तां