भारत की स्टार बॉक्सर एमसी मैरी कॉम इस वर्ष जुलाई में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी में लगी हुई है। छह बार की वर्ल्ड चैंपियन मैरी कॉम का पूरा फोकस बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स पर होने वाला है। जिसके लिए वह जमकर पसीना बहाने में लगी हुई है। एमसी मैरी कॉम ने सोशल मीडिया ऐप कू पर अपना एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि सफलता के लिए केवल कड़ी मेहनत आवश्यक है। इसके लिए कोई शॉर्टकट का और कोई तरीका नहीं है। कोशिश से काम नहीं चलेगा। मेहनत करना ही करना होगा। गौरतलब है कि बॉक्सिंग प्रैक्टिस के बाद मैरी कॉम दोपहर में जिम में पसीना बहाती है। वह इस वक़्त का इस्तेमाल बॉडीवेट एक्सरसाइज जैसे पुश-अप्स और सिट-अप्स के साथ-साथ हैवी वेट-लिफ्टिंग के साथ अपनी ताकत बढ़ाने और मसल्स को मजबूत रखने के लिए अधिकांश करती है। इस ट्रेनिंग के बाद फिर वापस अपनी मुक्केबाजी अभ्यास को तेज करने के लिए चली जाती हैं। Koo App Do or do not. There is no try. There is no shortcuts. Only HARD WORK. View attached media content - M C Mary Kom (@mcmarykom) 10 May 2022 खबरों की माने तो कि कुछ दिन पहले दिल्ली में आयोजित नार्थ ईस्ट वीमेंस फुटबाल लीग के अनावरण के मौके पर उन्होंने बोला है कि पूर्वोत्तर की महिलाओं के लिए शुरू की जा रही इस लीग के आयोजन से मैं बहुत खुश हूं। इसके आयोजन से पूर्वोत्तर की महिलाओं को एक मंच मिलेगा जिससे वे फुटबाल के इलाके में अपना दमखम दिखा पाएंगी। उन्होंने बोला है कि मैंने बॉक्सिंग में अपना करियर बनाया और इसके साथ ही मैं पूर्वोत्तर की लड़कियों से अपील करती हूँ कि वे आगे आएं और इस लीग को बुलंदियों पर ले जाएं। मैरी कॉम ने महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए बोला है कि सभी लड़कियां काफी स्ट्रांग होती हैं। हम हर इलाके में बेहतर कर रहे हैं। मैं सभी लड़कियों से अपील करूंगी कि वे आगे आएं और खेल के इलाके में बेहतर करें। देश में तेजी से बढ़ रहा स्पोर्टिंग कल्चर: देश में खेल के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात करते हुए उन्होंने बोला है कि अब गवर्नमेंट के साथ प्राइवेट सेक्टर भी बहुत ही ज्यादा सहायता कर रहा है। इसी वजह से देश में स्पोर्टिंग कल्चर तेजी से बढ़ रहा है। आवश्यकता बढ़ रही है जिसकी वजह से तेजी से अवसर पैदा हो रहे हैं। एक वक़्त था जब काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था लेकिन आज हालात बदले हैं। उन्होंने बोला है कि एक समय वर्ल्ड चैंपियन होने के बाद भी मुझे स्लीपर में सफर करना पड़ता था लेकिन आज सुविधाएं तेजी से बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में काफी प्रतिभा है। अगर ऐसे मंच मिलेंगे तो निश्चित रूप से हमारा देश खेल के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ेगा। महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में लवलीना ने हासिल की जीत एशिया कप तीरंदाजी में भारत ने जीते 3 गोल्ड मेडल स्टिमक का बादफा बयान, कहा- "एशियाई क्वालीफायर के लिए पूरी तरह से फिट हैं छेत्री..."