25 सितंबर को है इंदिरा एकादशी, ऐसे करें पूजा

आप सभी को बता दें कि पितृपक्ष बहुत ही खास और महत्वपूर्ण माना जाता है और पितृपक्ष के दिनों में पड़ने वाली एकादशी को ही इंदिरा एकादशी या फिर श्राद्ध पक्ष की एकादशी कहा जाता हैं. जी हाँ, ऐसे में पितृपक्ष में पड़ने की वजह से इस एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता हैं. इसी के साथ हिंदू धर्म शास्त्रों में उल्लेख हैं कि अगर कोई पूर्वज जाने अनजाने में हुए पाप कर्मों के कारण दंड भोग रहा हैं. इसी के साथ इस दिन पूरे विधि विधान के साथ व्रत कर उनके नाम से दान दक्षिण देने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं.

आपको बता दें कि इस साल यह एकादशी 25 सितंबर को पड़ रही हैं और हिंदू धर्म पद्म पुराण के अनुसार श्राद्ध पक्ष में आने वाली इस एकादशी का पुण्य अगर पितृगणों को दिया जाए तो नरक में गए पितृगण भी नरक से मुक्त होकर स्वर्ग में चले जाते हैं. ऐसे में इस व्रत को करने से सभी जीवत्माओं को उनके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और इस एकादशी के व्रत से व्यक्ति को यमलोक की यातना का सामना नहीं करना पड़ता हैं. कहते हैं इस दिन जल्दी उठकर स्नान करके साफ सुथरे कपड़े पहने, वही इसके बाद पहले शालीग्राम की पूजा करें, बाद में भगवान श्री हरि विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करें और उनकी आरती उतारें.

अब इसके बाद इस दिन अन्न ग्रहण नहीं किया जाता हैं, फलाहार लेकर व्रत रख सकते हैं इस दिन क्रोध, निंदा, झूठ और​ दिन में सोने से भी बचना चाहिए. इसी के साथ इस दिन व्यक्ति को 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 'का जाप करना चाहिए और साथ ही विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ भी करना चाहिए.

अपने पति से संतुष्ट नहीं रहती ऐसे पेट वाली महिलाएं

मरने के बाद ऐसी होती है आपके पितरों की गति

इस एक मंत्र के जाप से मिलेगा पूरी रामायण पढ़ने का लाभ

Related News