नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का इतिहास दोहराने के लिये कभी भी कदम उठा सकते है। यह कदम बलूचिस्तान की आजादी के रूप में होगा। जिस तरह से इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के कब्जे से बांग्ला देश को आजाद कराया था, उसी तर्ज पर अब मोदी पाकिस्तान से बलूचिस्तान को आजाद कराने के लिये कदम उठाने की तैयारी कर रहे है। बताया गया है कि मोदी इंदिरा गांधी के इतिहास को दोहराकर, अपनी छबि इंदिरा जैसी बनाना चाहते है। संभवतः यही कारण है कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के दिन से ही बलूचिस्तान मुद्दे को हवा देना शुरू कर दिया था। वैसे भी पाकिस्तान को जवाब देने के लिये भारत आमदा बैठा हुआ है इसलिये बलूचिस्तान भारत के पास सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है। आतंकी हमले के बाद तो भारत ने किसी भी तरह से पाकिस्तान को जवाब देने के लिये कसम खा ली है और इसके लिये भारत को बलूचिस्तान ही सामने दिखाई दे रहा है। गौरतलब है कि मोदी को इंदिरा गांधी की तरह ही मजबूत प्रधानमंत्री के रूप में देखा जा रहा है। मोदी की ओर देख रहे है जब से मोदी ने बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया है उसके बाद से ही बलूचिस्तान के लोग मोदी की ओर आशा भरी निगाह से देख रहे है कि कब मोदी पाकिस्तान पर हमला करें तथा वे पाकिस्तान के कब्जे से आजाद होकर सांस ले। इसके अलावा बलूच नेताओं ने भी कई बार मोदी से बलूचिस्तान की आजादी के लिये कदम उठाने की मांग की है। भारत नहीं छोड़ेगा बलूचिस्तान का मुद्दा