जकार्ता: दशकों से भूजल भंडार के अनियंत्रित दोहन, समुद्र के बढ़ते जलस्तर और तेजी से परिवर्तित होता मौसम इनके कारणों में शामिल है. इसके कुछ हिस्से अभी से गायब होने आरंभ हो गए हैं. पृथ्वी पर सबसे तेजी से डूबने वाले शहरों में से एक जकार्ता को लेकर पर्यावरण जानकारों ने चेतावनी दी है. उनका कहना है कि अगर यही रफ्तार बनी रही तो इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता का एक तिहाई हिस्सा 2050 तक पानी में समा सकता है. दरअसल, कई दशकों से जकार्ता के भूजल भंडार का अंधाधुंध तरीके से दोहन किया जा रहा है और उसके देखरेख के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे है. इसलिए अब स्थानीय सरकार कठोर कदम उठा रही है. इसके तहत देश की राजधानी को बदलने का निर्णय लिया गया है. स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, इसके स्थान की घोषणा जल्द की जा सकती है. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि, "हमारे देश की राजधानी बोर्नियो द्वीप पर स्थानांतरित हो जाएगी." देश के प्रशासनिक और राजनीतिक केंद्र को स्थानांतरित करना राष्ट्रीय संरक्षण का एक काम हो सकता है, किन्तु यह जकार्ता के लिए प्रभावी रूप से खतरे की घंटी है, जिसके लिए सरकार को जल्द ही कोई कदम उठाना होगा. पाकिस्तान: क्वेटा में मस्जिद के भीतर भीषण बम ब्लास्ट, 5 की मौत 15 घायल संयुक्त राष्ट्र से पाकिस्तान को बड़ा झटका, ठुकराई कश्मीर पर खुली चर्चा की मांग धारा 370: पाक ने चला नया पैंतरा, इमरान बोले- जब एक देश आज़ादी के लिए लड़ता है तो वो मौत से...