मुक बधिर लोग आपने कई सारे और कई बार देखे होंगे. दुनिया में कहीं ना कहीं आपको ऐसे लोग मिल ही जाते हैं जो न बोल पाते हैं और ना ही सुन पाते हैं. ऐसे में उनके साथ बड़ी परेशानी रहती है लेकिन वो अपनी लाइफ अच्छे से जीते हैं और आम इंसान की तरह ही जीते हैं बस थोड़ा सा अलग होता है उनकी लाइफ में. आज ऐसे ही एक देश की बात कर रहे हैं हम जहां पर एक पुअर गांव ही ऐसा है जहां के लोग नहीं बोल पाते. दरअसल, इंडोनेशिया में एक गांव हैं बेंगकला. इस गांव के लोग पिछली सात पीढ़ियों से मुंह से बोलने की बजाए हाथों के इशारों से ही बातें करते हैं. इस गांव के लोगों को डीफ विलेज के नाम से भी जाना जाता है. आम जनता के अलावा यहां के कई कार्यालयों में भी इसी तरह इशारों से बातचीत चलती है. यानी कई सालों से यहां किसी ने कुछ नहीं बोला है. आपको बता दें, इस सांकेतिक भाषा को काटा कोलोक कहा जाता है. यह सैकड़ों साल पुरानी सांकेतिक भाषा है. इस गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां बाहरी लोग बहुत कम ही आते हैं. इस गांव का नाम बेंगकला है. इस गांव के ज्यादातर लोग बोलने और सुनने में सझम नही हैं और ये समस्या यहां सामान्य से पंद्रह गुना ज्यादा है. बच्चे जन्म से ही यहां सुनने और बोलने की बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं. यह सब होता है यहां की भौगोलिक स्थिति को इसका कारण बताया गया है. इस मंदिर में देखने को मिलता है ये अनोखा चमत्कार, रुक जाती है ट्रेनें यहां बिना आधार कार्ड के नहीं होती शादी, ये है वजह पुरुषों के लिए नर्क है ये देश, मर्दों को सोफा बनाकर उन पर बैठती है महिलाएं!