इंदौर: कोरोना वायरस के वजह से अब अदालतें भी आदेश जन सेवा को ध्यान में रखकर सुनाने लगी है. हाल ही में एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ से सामने आया है. दरअसल गुरुवार को शराब की अवैध तस्करी मामले में सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने आरोपियों से कहा है कि अगर जमानत चाहिए तो अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर और उच्च क्वॉलिटी का मास्क जिला प्रशासन को दान करने पड़ेगा. इसके अलावा हाईकोर्ट ने आरोपियों को 40-40 हजार रुपए का बांड भी पेश करने को कहा है. इस बारें में इंदौर हाईकोर्ट के अधिवक्ता आकाशदीप शुक्ला ने बताया कि शराब की अवैध तस्करी के मामले में 21 मई को सरोज राजपूत और रामकृष्ण नागर नामक 2 आरोपियों को धार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. आरोपियों की जमानत के लिए वकील ओपी सोलंकी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हालांकि इसी मामले में सुनवाई के दौरान सोलंकी ने कहा है कि मामले में जांच के बाद चलान पेश कर दिया गया है. साथ ही कोरोना वायरस महामारी के वजह से सुनवाई लंबी चलने की आशंका जताई जा रही है, इसलिए आरोपियों को जमानत दे देनी चाहिए. बता दें की इस पर इंदौर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के न्यायधीश विवेक रूसिया ने आरोपियों को अनोखी सजा सुनाई है. न्यायधीश आरोपियों को 200-200 मास्क और सैनिटाइजर धार जिला प्रशासन को दान करने को कहा है. इसके अलावा उन्होंने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने से पहले उनकी कोरोना जांच भी करवाने का आदेश दे दिए है. मैदान पर लौटे खिलाड़ी, एमपी में शुरू हुई खेल की गतिविधियां इस शहर में राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है कोरोना का मृत्यु दर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूँज उठा कानपुर, देर रात हुए एनकाउंटर में 8 पुलिसकर्मी शहीद