लोकायुक्त इंदौर की टीम ने नगर निगम के एक सेनेटरी इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया. आरोपी निगम इंस्पेक्टर कर्मचारियों का रुका हुआ पैसा निकलवाने के बहाने उनसे 20 हजार रूपए रिश्वत की मांग कर रहा था. उसकी इस करतूत के बारे में एक फरियादी ने शिकायत दर्ज की जिसके बाद लोकायुक्त की एक टीम मौके पर पहुंची और आरोपी को सरेआम धर दबोचा. ख़बरों के मुताबिक, इंदौर बिलावली दीनदयाल जोन के सीएसआई मुकेश कोरिसिया ने 11 सफाई कर्मचारियों के पिछले चार महीने से रुके वेतन का भुगतान कराने के नाम पर प्रति सफाईकर्मी पांच हजार रूपए की मांग की थी. बताया जा रहा है कि इसके लिए सीएसआई ने जोन के दरोगा अनिल दयाराम पर दवाब बनाया था. जिसमे बाद अनिल इस पूरी घटना की शिकायत लोकायुक्त के पास लेकर पहुंचे. लोकायुक्त की टीम ने पहले एक प्लान बनाया और अनिल को रिश्वत के 20 हजार रूपए लेकर जोन कार्यालय भेजा जहां सीएसआई मुकेश कोरिसिया मौजूद थे. अनिल ने जैसे ही रिश्वत की रकम मुकेश करोसिया को थमाई, लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. लोकायुक्त के एक अधिकारी ने कहा कि, फ़िलहाल तो सफाई कर्मचारियों से वेतन के नाम पर रिश्वत लेने की धांधली सामने आयी है लेकिन हो सकता है कि मुकेश ने अन्य कर्मचारियों से भी रिश्वत की रकम ली हो. इसलिए हम इस पूरे मामले की गम्भीरतापूर्वक जांच करेंगे. मौजूदा रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी मुकेश सिर्फ तीसरी कक्षा ही पास है और सीएसआई अधिकारी बना बैठा. ऐसे में इंदौर नगर निगम का मैनेजमेंट भी शक के घेरे में आता है. इस मंदिर में छुपा है एक ऐसा रहस्य जो जानता है उसकी हो जाती है मौत अपनी पोती को न्याय दिलाने आ रही है 'अज्जी' जीत के लिए चाहिए 10 रन और कायरॉन पोलार्ड क्रीज पर.. भोपाल गैंगरेप पीड़िता को मिलेगा 'राष्ट्रमाता पद्मावती पुरस्कार'