मध्य प्रदेश के कई जिलों में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है. वहीं, कोरोना के मरीजों के ठीक होने के मामले में भी इंदौर पीछे रहा हैं. देशभर में जहां कोरोना के प्रति 100 मरीजों में से 27 अस्पतालों से डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं, वहीं इंदौर में इनकी संख्या सिर्फ 15 ही है. इतना ही नहीं, मरीजों के ठीक होने के मामले में प्रदेश स्तर पर भी पीछे चल रहा है. प्रदेश में कोरोना के मरीजों के ठीक होकर डिस्चार्ज होने का प्रतिशत 19 से ज्यादा है. इंदौर को प्रदेश की स्वास्थ्य राजधानी कहा जाता है. यहां दो दर्जन से ज्यादा कॉर्पोरेट अस्पताल हैं. इनमें एक ही वक्त में सैकड़ों मरीजों को भर्ती किया जा सकता है. दरअसल कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए शासन ने इनमें से ज्यादातर को अधिग्रहित किया हुआ है जिससे कोरोना के मरीजों को बेहतर और समुचित इलाज मिल सके. फिलहाल इंदौर के अस्पतालों में साढ़े 12 सौ के लगभग मरीज भर्ती हैं. तमाम मेडिकल सुविधाएं होने के बावजूद ठीक होने के मामले में इंदौर के मरीज राष्ट्रीय और प्रादेशिक दोनों स्तरों पर पिछड़ते जा रहे हैं. देश में कोरोना के मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत 27 के लगभग है. यानी अस्पतालों में भर्ती होने वाले 100 मरीजों में से 27 डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं, लेकिन इंदौर में यह राष्ट्रीय दर से लगभग आधी है. शनिवार दोपहर तक शहर में मिले कोरोना के 1545 मरीजों में से सिर्फ 229 ही अब तक डिस्चार्ज हो सके हैं यानी लगभग 15 प्रतिशत. जानकारी के लिए बता दें की मध्य प्रदेश में कोरोना के मरीजों के मामले में इंदौर की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत से ज्यादा है. यानी प्रदेश का हर दूसरा कोरोना पॉजिटिव मरीज इंदौर का है. लगभग यही स्थिति कोरोना से होने वाली मौत के मामले में भी है. प्रदेश में कोरोना से होने वाली हर दूसरी मौत इंदौर के व्यक्ति की है. भोपाल में बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण, 529 पहुंची मरीजों की संख्या उत्तरप्रदेश के इन इलाकों में बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण, रोजाना मिल रहे नए मरीज घरवालों ने छीना लड़की का फ़ोन तो नाराज होकर दे दी जान