सरकार ने न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पदोन्नति रोके रखने का फैसला किया और साथ ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिश मानते हुए सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट में वकील से सीधे जज बनने वाली पहली महिला बनने का गौरव प्रदान किया. न्यायमूर्ति जोसेफ उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं. सूत्रों के मुताबिक कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को इंदु की नियुक्त किए जाने के सरकार के फैसले के बारे में पत्र लिखेंगे. मल्होत्रा वकीलों के परिवार से आती हैं. उनके पिता ओपी मल्होत्रा वरिष्ठ वकील थे और उनके बड़े भाई और बहन भी वकील हैं. मल्होत्रा ने राजनीतिक विज्ञान में पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई की है और इससे पहले उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की थी. उसके बाद उन्होंने 1983 में करियर की शुरुआत की थी. वो कई अहम फैसलों में जजों की पीठ में रही हैं. सुप्रीम कोर्ट में शुरुआत के 39 वर्षों में कोई महिला जज नहीं रही. 1989 में फातिमा बीबी को सुप्रीम कोर्ट की जज बनाया गया. इसके बाद जस्टिस सुजाता मनोहर, जस्टिस रुमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और जस्टिस रंजना देसाई को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया. इंदु मल्होत्रा आजादी के बाद से अभी तक सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली छठी महिला होंगी. फिलहाल जस्टिस जी रोहिणी और आर बानुमति सुप्रीम कोर्ट में महिला जज हैं. मौत की सजा के लिए फाँसी ही उचित- केंद्र सरकार अब ई-कॉमर्स से शराब बेचने की तैयारी महानदी जल विवाद पर पटनायक के तीखे तेवर