सुप्रीम कोर्ट ने कहा, उड़ने दो 'इंदु..' को

मधुर भंडारकर की बहुचर्चित विवादास्पद फिल्म पर अब तो देश की सर्वोच्च न्यायप्रणालिका तंत्र सुप्रीम कोर्ट ने भी रोक लगाने से इंकार कर दिया है. आपको बता दे कि, मधुर भंडकर कि  इस फिल्म के लिए अभी हाल ही में कई मामले देखने को मिल चुके है कि किस प्रकार से उनकी इस फिल्म पर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अपना विरोध दर्ज करा चुके है परन्तु जब कांग्रेस ने इस फिल्म पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो सुप्रीम कोर्ट ने भी फिल्म की रिलीज पर से रोक लगा दी है.

जी हां बता दे कि, विवादों में घिरी फिल्म इंदु सरकार के खिलाफ संजय गांधी की बेटी होने का दावा करने वाली प्रिया सिंह पॉल ने इस फिल्म के खिलाफ हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी. जिसमे उन्होंने कोर्ट से भंडारकर को यह बताने का निर्देश देने को कहा है कि फिल्म में असलियत क्या है और फिल्म की कहानी क्या है.

प्रिया सिंह पॉल ने बॉम्बे हाईकोर्ट से इंदु सरकार फिल्म पर रोक लगाने की मांग की है. साथ ही इस फिल्म की असलियत सामने लाने को कहा था इस मामले के लिए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई गई थी जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी फिल्म के रोक पर से इंकार कर दिया है. बता दे कि मधुर भंडारकर के निर्देशन में बनने वाली यह फिल्म इंदिरा गांधी के पीएम रहते देश में 1975 में लगाई गई इमरजेंसी पर आधारित है, जिसमे इमरजेंसी के समय की घटनाओ को दर्शाया गया है. ऐसे में इस फिल्म का विरोध किया जा रहा है. बात करे अगर सुप्रीम कोर्ट की तो बता दे कि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये क्या कानून है कि फिल्म से पहले किसी व्यक्ति की रजामंदी होनी चाहिए. देश में किताबों और फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने का कांसेप्ट क्यों हो? कोर्ट ने कहा, इतिहास हमेशा अलग होता है और फिल्म कोई डाक्यूमेंटरी नहीं होती.यह याचिका प्रिया पॉल नाम की एक महिला द्वारा दायर की गई थी, जिसने खुद को संजय गांधी की बायोलॉजिकल बेटी बताते हुए फिल्म को लेकर आपत्ति जताई थी. 

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