पाक को बड़ा झटका देगा भारत, रदद् हो सकता है सिंधु जल समझौता

नई दिल्ली : भारत पाकिस्तान के खिलाफ रणनीतिक मोर्चा लड़ा रहा है। दरअसल पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देकर भारत की धरती पर भेजने और भारतीय सेना पर हमला होने के बाद भारत ने आतंकवाद को असहनीय बताया है। इस दौरान भारत ने विश्व स्तर पर यह मसला उठाया और अमेरिका व अन्य देशों के सामने उरी हमले के सबूत रखे। इसके बाद भारत ने विश्व समुदाय से पाकिस्तान को अलग-थलग करने की मांग की। अब भारत पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता तोड़ने में लगा है। माना जा रहा है कि यह करार तोड़ा जा सकता है। अगर यह करार टूटता है तो इससे पाकिस्तान को भरी नुकसान होगा और उसका एक बड़ा क्षेत्र रेगिस्तान में बदल जाएगा।

दरअसल सिंधु नदी सबसे बड़ा जल बंटवारा माना जाता है। जिसमें पाकिस्तान 167.52 घन मीटर पानी वार्षिक तौर पर इस नदी से प्राप्त करता है। यह जल राशि का 80.52 प्रतिशत है। इस नदी की उपरी धारा के बंटवारे में उदारता की मिसाल विश्व में किसी और जल समझौते में नहीं मिलती। इस बंटवारे के तहत उत्तर व दक्षिण में एक रेखा मानी गई है जिससे जल का बंटवारा होता है। इस जल संगम में तीन नदियों का नियंत्रण भारत और तीन नदियों का नियंत्रण पाकिस्तान के पास है।

मिली जानकारी के अनुसार उरी हमले के बाद पाकिस्तान पर कोई कार्रवाई करने को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारत बयान देने में नहीं एक्शन लेने में यकीन करता है। यूएन में कश्मीर मसले पर चर्चा नहीं हुई मगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाषण में अधिकांश बातें कश्मीर से जुड़ी थी जबकि यह भारत की संप्रभुता का हनन है।

कश्मीर मसले पर पाकिस्तान द्वारा विश्व समुदाय को भारत पर आरोपित और यहां मानवाधिकार के उल्लंघन को लेकर किसी प्रकार का डोजियार सौंपे जाने की जरूरत नहीं है। उल्लेखनीय है कि नवाज शरीफ ने यूएन में अपने भाषण में कहा था कि वे कश्मीर मसले पर भारत के खिलाफ डोजियार सौंपेंगे मगर इसे विकास स्वरूप ने खारिज कर दिया और कहा कि यूएन महासचिव ने भी इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया था।

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