बढ़ती महंगाई ने श्रीलंका के लोगों के समस्या बहुत बढ़ा दी है। रोजमर्रा तथा खाने-पीने के सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं। श्रीलंका में 400 ग्राम दूध 790 रुपये का प्राप्त हो रहा है। वहीं 1 किलो चावल भी अब 500 रुपये का हो चुका है। देश के लोग भुखमरी तथा महंगाई से बचने के लिए भारत का रुख कर रहे हैं। मंगलवार को लगभग 16 श्रीलंका के नागरिक समंदर के रास्ते भारत पहुंचे। इनमें एक दंपती तो 4 माह का बच्चा लेकर यहां आया है। वही श्रीलंका से आए लोगों ने बताया कि 'हमारे देश में चावल 500 श्रीलंकाई रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। 790 रुपये में 400 ग्राम दूध पाउडर प्राप्त हो रहा है। एक किलो चीनी का दाम 290 रुपये हो चूका है। विशेषज्ञों के अनुसार, यही स्थिति रही तो 1989 के सिविल वॉर जैसे हालात बन सकते है। इसके कारण पलायन बढ़ने की आशंका है। वही चीन समेत कई देशों के कर्ज में डूबा श्रीलंका दिवालिया घोषित हो सकता है। जनवरी में श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 70 प्रतिशत कम होकर 2.36 अरब डॉलर रह गया है। वहीं श्रीलंका को अगले 12 महीनों में 7.3 अरब डॉलर (लगभग 54,000 करोड़ रुपये) का घरेलू एवं विदेशी कर्ज चुकाना है। इसमें कुल कर्ज का तकरीबन 68 प्रतिशत हिस्सा चीन का है। उसे चीन को 5 अरब डॉलर चुकाने हैं। वही गंभीर वित्तीय खतरे से ग्रसित श्रीलंका के लिए भारत ने सहायता का हाथ बढ़ाया है। भारत ने अपने पड़ोसी देश को 90 करोड़ डॉलर से अधिक का कर्ज देने का ऐलान किया है। इससे देश को विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने तथा खाद्य आयात में सहायता प्राप्त होगी। नहीं सुधरा तालिबान ! अफगानी छात्राओं की पढ़ाई पर फिर लगा दी रोक पहली महिला अमेरिकी विदेश मंत्री, मैडेलिन अलब्राइट,का हुआ निधन आसियान के विशेष दूत ने सकारात्मक परिणामों के साथ म्यांमार यात्रा का समापन किया: रिपोर्ट