भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते सप्ताह ससुराल से रेस्क्यू की गई रानू साहू नाम की महिला ने आखिरकार चिकित्सालय में दम तोड़ दिया। 40 वर्षीय रानू को उसके ससुराल वालों ने 16 साल से बंधक बना रखा था तथा अमानवीय परिस्थितियों में रहने पर मजबूर किया था। उसकी हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि रेस्क्यू के वक़्त वह न बोल पा रही थी और न ही चलने की स्थिति में थी। प्राप्त खबर के मुताबिक, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब नरसिंहपुर निवासी किशन साहू ने महिला थाने में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में उन्होंने कहा कि उनकी बेटी रानू साहू को ससुराल वालों ने बंधक बना रखा है तथा उसकी हालत गंभीर है। उन्होंने यह भी बताया कि उसे काफी वक़्त से भूखा रखा जा रहा है। शिकायत के आधार पर महिला थाना एवं जहांगीराबाद पुलिस ने संयुक्त रूप से रानू को उसके ससुराल से रेस्क्यू किया। रेस्क्यू के चलते पाया गया कि रानू की हालत बेहद गंभीर थी। उसकी त्वचा हड्डियों से चिपकी हुई थी तथा उसका वजन सिर्फ 25 किलो रह गया था। रेस्क्यू के पश्चात् रानू को तुरंत चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, मगर उसकी स्थिति इतनी नाजुक थी की चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। चिकित्सकों के अनुसार, रानू को लंबे समय तक भूखा रखा गया था, जिससे उसकी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति अत्यधिक खराब हो गई थी। रेस्क्यू के समय वह न तो बोल पा रही थी और न ही चलने में सक्षम थी। घटना के पश्चात् रानू साहू के पति और ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने रानू के शव का पोस्टमार्टम करवाकर उसे परिजनों को सौंप दिया है। मामले की तहकीकात जारी है और पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि महिला को इतने सालों तक किस परिस्थिति में बंधक बनाकर रखा गया। 16 वर्षों तक किसी को बंधक बनाकर रखना एवं अमानवीय परिस्थितियों में जीने के लिए मजबूर करना किसी भी सभ्य समाज के लिए बेहद शर्मनाक है। पुलिस इस मामले में अन्य आरोपियों की भूमिका की भी तहकीकात कर रही है। 'मस्जिद से आए थे हमलावर', सुधाकर तिवारी ने बताया दुर्गा-विसर्जन जुलूस पर कैसे हुआ हमला? पेशाब से आटा गूंथती थी नौकरानी, पूरे परिवार का ख़राब हुआ लिवर तो खुली पोल कितनी मजबूत हैं महाकाल मंदिर की दीवारें और शिखर! जाँच करने पहुंचे एक्सपर्ट