नई दिल्ली: अपनी विवादित टिप्पणियों के लिए मशहूर मौलाना तौकीर रजा ने एक बार फिर अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। इस बार उन्होंने ज्ञानवापी में विवादित ढांचे को लेकर सड़कों पर लड़ाई छेड़ने का इरादा जाहिर किया है। मथुरा और काशी मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मुसलमान अब कोई भी मस्जिद खोने को तैयार नहीं हैं, चाहे कोई कितना भी सर्वे करा ले। उन्होंने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी बेईमानी बताया। तौकीर ने यह बयान सोमवार (18 दिसंबर) को दिल्ली में दिया। खबरों के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली के ऐवान-ए-गालिब हॉल में मुस्लिम पंचायत हुई। यह पंचायत इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) ने बुलाई थी। उसी कार्यक्रम में बोलते हुए, तौकीर ने अपनी आस्था का हवाला देते हुए कहा कि, “बाबरी मस्जिद के बाद, यह बहुत हो गया। बाबरी मामले में हमने धैर्य दिखाया। ज्ञानवापी को लेकर हम कोई धैर्य नहीं दिखाएंगे। इंशाल्लाह, यह लड़ाई सड़कों पर लड़ी जाएगी।” वकील महमूद प्राचा को मंच पर बुलाकर तौकीर ने उन्हें अदालत में लड़ने वाला योद्धा बताया और अपने समर्थकों के साथ सड़कों पर उतरने की इच्छा जताई। मौलाना तौकीर रजा यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों को दिखाना होगा कि वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। तौकीर ने उसी भाषण में अयोध्या के विवादित ढांचे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ''अब हम कहते हैं कि हमारी आस्था अदालत से ऊपर है क्योंकि हमने एक बार अदालत की बेईमानी देखी है।'' मौलाना तौकीर रजा ने यह भी कहा कि विवादित ढांचे बाबरी पर मुसलमानों के धैर्य के कारण उन्हें कायर माना गया। उन्होंने लोगों को भड़काते हुए कहा कि अगर मुसलमान बेचैन नहीं हुए तो बाबरी की तरह ज्ञानवापी भी छीन ली जाएगी। मौलाना तौकीर रजा ने आगे कहा, ''ज्ञानवापी के बाद मथुरा और बदायूं की मस्जिदें मुसलमानों से छीन ली जाएंगी। आने वाले समय में जामा मस्जिद पर भी हमला किया जाएगा। कहीं न कहीं मुसलमानों को खड़ा होना होगा और अपनी बात रखनी होगी।” अंत में तौकीर ने अपने 'अनुभव' का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें लगा कि यह वक्त भाषणों का नहीं, बल्कि सभा में मौजूद लोगों के लिए दर्द का वक्त है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर देश पर शासन करने के लिए लोगों को बांटने का भी आरोप लगाया। 'महाराष्ट्र में भी हलाल उत्पाद पर प्रतिबंध लगे..', यूपी की तर्ज पर भाजपा विधायक नितेश राणे ने उठाई मांग 'लोकतंत्र की हत्या..', 143 सांसदों के निलंबन पर विपक्ष का विरोध मार्च, खड़गे ने केंद्र पर लगाए गंभीर इल्जाम क्या अंग्रेज़ों के कानून ख़त्म कर दिए ? नए आपराधिक बिलों को लेकर केंद्र पर भड़के कांग्रेस नेता चिदंबरम