इंस्पिरेशनल शायरियां

1. उठो तो ऐसे उठो कि फक्र हो बुलंदी को, झुको तो ऐसे झुको बंदगी भी नाज़ करे.

2. मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया, इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए.

3. बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर, जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ.

4. आये हो निभाने को जब, किरदार ज़मीं पर, कुछ ऐसा कर चलो कि ज़माना मिसाल दे.

5. उदासियों की वजह तो बहुत है जिंदगी में, पर बेवजह खुश रहने का मजा ही और है.

6. चरागों तक को जहाँ मय्यसर नहीं रौशनी, लौ उम्मीद की हमने वहाँ भी जलाये रक्खी.

7. ज़िन्दगी की खरोचों से ना घबराइये जनाब, तराश रही है खुद जिंदगी निखर जाने को.

8. मुश्किलों से कह दो उलझा ना करे हम से, हर हालात में जीने का हुनर आता है हमें.

9. हौसला देती रहीं... मुझको मेरी बैसाखियाँ, सर उन्ही के दम पे सारी मंजिलें होती रहीं.

10. ज़िंदगी जब जख्म पर दे जख्म तो हँसकर हमें, आजमाइश की हदों को...आजमाना चाहिए.

11. लकीरें अपने हाथों की बनाना हमको आता है, वो कोई और होंगे अपनी किस्मत पे जो रोते हैं.

12. चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये, अब मजा देने लगी है जिन्दगी की मुश्किलें.

13. नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है, नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है, बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं, बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है.

बस एक चुप सी लगी है - गुलज़ार

मिसाल इसकी कहाँ है -जावेद अख़्तर

डबल मीनिंग जोक्स का तड़का

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