नई दिल्ली: भारत के तीन राज्यों में जो संगठन सरकार का हिस्सा है, वो एक 'आतंकवादी संगठन' है, जिस पर हत्या, हिंसा जैसे कई आरोप हैं। इस संगठन का नाम है भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI)। इसी CPI को अंतरराष्ट्रीय संस्था इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) ने आतंकी घटनाओं के कारण ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (The Global Terrorism Index -GTI) के तहत विश्व के 20 प्रमुख आंतकी संगठनों की सूची में शामिल किया है। बता दें कि CPI के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा हैं। इसके केंद्रीय नियंत्रण आयोग में पन्नियन रवींद्रन, सीआर बख्शी, सीए कुरियन, जोगिंदर दयाल, पीजे चंद्रशेखर राव, बिजॉय नारायण मिश्रा समेत कई बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं। बता दें कि, भारत में CPI बिहार, केरल और तमिल नाडु में सरकार चलाती है। रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित थिंक टैंक IEP की ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2022 में CPI को इस्लामिक स्टेट, बोको रहम, अल शहाब जैसे विश्व के 20 खूंखार आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में 12वें स्थान रखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में CPI ने कुल 61 हमले किए। इन हमलों में 39 लोगों की जान चली गई, जबकि 30 अन्य बुरी तरह जख्मी हो गए। बता दें कि CPI भारत का प्रमुख सियासी दल है। वर्ष 1920 में एम.एन. रॉय ने एम.पी.टी आचार्य, अबनी मुखर्जी और मोहम्मद अली जैसे लोगों के साथ मिलकर इसकी स्थापना की थी। हालांकि, आगे चलकर कम्युनिस्ट पार्टी कई धड़ों में बंट गई। इसका एक धड़ा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्कसिस्ट) (CPM) भी भारतीय राजनीति में अच्छा-खासा सक्रीय है। इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) ने शायद CPI लिखकर किसी एक को नहीं, बल्कि अलग--अलग नाम वाली वामपंथी पार्टियों और उनकी खूनी राजनीति को बताने का प्रयास किया है। बता दें कि, वामपंथी संगठनों में से एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (CPI-ML) के हिंसक कारनामों के कारण उसे काफी पहले प्रतिबंधित कर दिया गया है। बाद में वर्ष 2004 में CPI-ML, माओइस्ट कॉम्युनिस्ट सेंटर (MCC) और पीपुल्स वार ग्रुप को मिलाकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का गठन किया गया। जिसे वर्ष 2009 में आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया गया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का निर्माण जिन संगठनों को मिलाकर किया गया है, वे बेहद खूंखार संगठन हैं। बिहार में इन संगठनों ने बड़े पैमाने पर नरसंहार को अंजाम दिया है। CPI-ML के तत्कालीन प्रमुख विनोद मिश्रा की अगुवाई में बिहार में बड़े स्तर पर हिंसा को अंजाम दिया गया। इनमें ईचरी कांड और सेनारी कांड अहम है, जिसमे कई लोगों की जान गई थी। हालांकि, खुनी इतिहास होने के बावजूद आज भी MCC और CPI (M) अभी भी बिहार और झारखंड में सक्रिय हैं। 'CBI के सामने पेश होना ही होगा..', लैंड फॉर जॉब मामले में तेजस्वी यादव को कोर्ट से नहीं मिली राहत 'आपका मज़ाक बना देंगे..', प्रेस वार्ता में जयराम ने राहुल गांधी को सिखाया- क्या बोलना है ! Video राहुल गांधी को दिल्ली पुलिस का नोटिस, जम्मू कश्मीर की 'दुष्कर्म पीड़िता' से जुड़ा है मामला