जम्मू कश्मीर : जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के हमले आम बात हैं लेकिन ख़ुफ़िया एजेंसी ने सेना को अलर्ट करते हुए कहा कि आतंकी मकबूल भट्ट और अफज़ल गुरु की बरसी पर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने कि फिराक में है. ख़ुफ़िया एजेंसी ने जानकारी देते हुए बताया कि 5 से 11 फरवरी के बीच यह संगठन किसी सैन्य केम्प को अपना निशाना बना सकता है. खुफिया एजेंसी से सेना को अलर्ट करते हुए कहा है कि - "ऐसी कुछ पुख्ता सूचना मिली है कि जैश ए मोहम्मद (जेईएम) 5 से 11 फरवरी के बीच सुरक्षा बलों पर फिदायीन हमले की योजना बना रहा है. मकबूल भट्ट की बरसी 9 फरवरी, जबकि अफजल गुरु की 11 फरवरी को बरसी होती है. ये आतंकी किसी गश्ती दल को निशाना बना सकते हैं. ऐसे में इस दौरान सुरक्षाबलों की हाई अलर्ट रहना जरूरी है." गौरतलब है कि 11 फरवरी 1984 को तिहाड़ जेल में आतंकी मकबूल भट्ट को फांसी की सजा दी गई थी. जम्‍मू कश्‍मीर लिबरेशन फ्रंट यानी जेकेएलएफ का फाउंडर मकबूल भट्ट था, अब यासीन मलिक इस संगठन का मुखिया है. जानकारी के लिए बता दें, 1966 में मकबूल और कुछ आतंकियों समेत सेना की मुठभेड़ हो गई थी जिसमे एक आतंकी को सेना ने जहन्नुम पंहुचा दिया था. एक CID अफसर अमर चंद मकबूल का निशाना बने थे और उनकी मौत हो गई थी. वहीँ मकबूल को 1984 में फांसी की सजा सुनाने वाले जज नीलकंठ गंजू को 1989 में जेकेएलएफ के आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया था. वहीँ भारतीय संसद पर 13 दिसंबर 2001 को हमला करने के दोषी मोहम्‍मद अफजल गुरु को सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में ही फांसी की सजा सुना दी थी. अफजल गुरु कश्‍मीर के बारामूला जिले का रहने वाला था और एमबीबीएस की पढ़ाई करते हुए उसने संसद पर हमले की साजिश रची थी. 09 फ़रवरी 2013 को अफजल गुरु को फांसी दी गई थी. राजनाथ सिंह की गर्जना 'कश्मीर हमारा था है और रहेगा' मंत्री ने पत्नी को गोली मारी फिर खुद भी की खुदखुशी बारामूला से सेना ने पकड़ा 2 पाकिस्तानी प्रशिक्षित आतंकवादियों को