मुहर्रम : मुस्लिम नहीं मनाते हैं यह त्यौहार, जानिए इसकी कुछ ख़ास बातें...

मुहर्रम : यह शब्द मुस्लिमों के लिए कोई त्यौहार नहीं बल्कि मातम का अवसर होता है. मुहर्रम के दिन मुस्लिम जश्न नहीं बल्कि मातम मनाते हैं. इस्लाम के प्रवर्तक पैगंबर मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन की शहादत का मातम शिया मुस्लिम मनाते हैं. आइये मुहर्रम से जुड़ीं कुछ ख़ास बातें जानते हैं...

मुहर्रम से जुड़ीं कुछ खास बातें...

- इस्लाम का पहला माह मुहर्रम होता है. मुस्लिमों का नया वर्ष हिजरी कहलाता है.

- मुस्लिमों का कैलेंडर चाँद के मुताबिक़, कार्य करता है. अधिकतर मुस्लिम देशों में यह मान्य है. 

- मुहर्रम के दौरान सुन्नी मुस्लिम ताजिया निकालकर इमाम हुसैन को याद करते हैं, तो वहीं शिया समुदाय के लोग 10 दिन तक हुसैन को याद कर शोक में रहते हैं.

- इस्लाम में मुहर्रम को अल्लाह के माह के नाम से भी जाना जाता है. वहीं यह माह इस्लाम के 4 सबसे पवित्र माह में से भी एक है. 

- इसी माह में साल 1980 में इमाम हुसैन एवं उनके साथियों और यजीदी सेना के मध्य कर्बला में युद्ध लड़ा गया था. 

- युद्ध में इमाम हुसैन को विजय प्राप्त हुई थी. इमाम के सारे साथियों का क़त्ल हो गया था और अंत में यजीद की 80 हजार की सेना के आगे महज इमाम हुसैन जीवित रहते हैं, हालांकि एक दिन एक यजीदी द्वारा धोखे से इमाम का क़त्ल कर दिया जाता है. 

- मुहर्रम के त्यौहार को यौमे आशुरा की नाम से भी जाना जाता है. 

 

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