इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के भांजे को एक हॉस्पिटल में हुए दंगे में कथित भूमिका के प्रकरण में अग्रिम जमानत मिल गई है। पंजाब प्रांत में स्थित हृदय के अस्पताल पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में 11 दिसंबर को सैकड़ों की तादाद में वकीलों ने धावा बोला था और लूटपाट मचाई थी। इस दौरान कम से कम पांच रोगियों की जान चली गई थी। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के सिलसिले में पिछले सप्ताह इमरान खान के भांजे हसन नियाजी के घर पर छापेमारी की गई थी। किन्तु वह पुलिस के हाथ नहीं लगे थे। इस दौरान उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दे दिया था। वकीलों ने कहा कि दो सप्ताह पहले एक साथी वकील के साथ डॉक्टरों ने मारपीट की थी, उसी का बदला लेने के लिए उन्होंने चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों पर हमला किया। टीवी पर दिखाए गए फुटेज में नियाजी भी हमलावर वकीलों में नजर आए। नियाजी खुद भी वकील हैं। बुधवार को अस्पताल पर हुए हमले के वीडियो में वकील हस्सान खान नियाजी भी नज़र आए थे, जो प्रधानमंत्री इमरान खान के भांजे हैं। उनका नाम प्राथमिकी में नहीं होने पर काफी विवाद हुआ। इसके बाद इमरान के हवाले से बताया गया कि उन्होंने इस हमले को बर्बर करार देते हुए कहा कि घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो। विदेशों में भी पहुंची CAA प्रदर्शनों की आग, अमेरिका और रूस ने जारी की चेतावनी पाकिस्तान: पोलियो की दवा पिलाने गई टीम पर बंदूकधारियों ने दागी गोलियां, दो पुलिसकर्मियों की मौत पाक के पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ की हालात नाज़ुक, ह्रदय की गंभीर बीमारी से हैं पीड़ित