नई दिल्ली: यूनिसेफ द्वारा गुरुवार को जारी की गई ‘चिल्ड्रेन, एचआइवी और एड्स द वल्र्ड इन 2030’ रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले साल लगभग एक लाख 20 हजार बच्चे और किशोर एचआइवी से संक्रमित पाए गए थे. यह संख्या दक्षिण एशिया के किसी भी देश की अधिक है. यूनिसेफ ने चेताया है कि अगर इसे रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो 2030 तक हर दिन दुनियाभर में एड्स की वजह से 80 लोगों की मौत हो सकती है. World Aids Day : हंसते-खेलते आदमी को कभी भी नरक में धकेल सकती है यह बीमारी ? हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दक्षिण एशिया ने बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं और माताओं में एचआइवी की रोकथाम के लिए अच्छे प्रयास किए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक एड्स से संबंधित मौतों की गति पहले के मुक़ाबले धीमी हो रही है, लेकिन पुराने मामलों में कमी कम ही देखी जा रही है, यूनिसेफ प्रमुख हेनरिता फोरे ने कहा, रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि 2030 तक बच्चों और किशोरों के बीच एड्स को खत्म करने का प्रयास सही दिशा में नहीं हैं. विश्व AIDS दिवस : शरीर में इस तरह की हलचल मतलब AIDS की दस्तक ? पड़ोसी देशों में भारत की तुलना में किशोरों के एचआईवी संक्रमण का आंकड़ा बेहद कम है, पाकिस्तान में 5800, उसके बाद नेपाल में 1600 और बांग्लादेश में करीब 1,000 किशोर एचआइवी से ग्रस्त हैं. हालांकि 2010 की तुलना में साल 2017 में पांच साल तक की आयु वाले एचआइवी संक्रमण बच्चों की संख्या में 43 फीसद की कमी दर्ज की गई है. वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 35 प्रतिशत रहा है. पिछले आठ सालों में मां से बच्चे में फैलने वाले इस संक्रमण के मामलों में लगभग 40 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है. ख़बरें और भी:- पिछले 4 सालों में खतरनाक स्तर पर पहुंचा एड्स रोगियों का आंकड़ा, पर नहीं खुला एक भी इलाज सेंटर पेट्रोल-डीजल : लगातार दसवें दिन गिरे दाम, डीजल 4 महीने के और पेट्रोल आठ महीने के निचले स्तर पर पंहुचा हवाई यात्रा करने वालों को झटका, आज से महँगी हो जाएगी यात्रा