9 दिसंबर को पूरे विश्व में लोगों में भ्रष्टाचार के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जाता है. इस दिन भ्रष्टाचार के खिलाफ जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. बता दें कि इस दिन को हर साल पिछले 15 सालों से मनाया जा रहा है. सबसे पहले साल 2013 में इसकी शुरुआत हुई थी. बता दें कि 31 अक्टूबर 2003 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर 'अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस' मनाए जाने की घोषणा की था. इसके बाद इस प्रस्ताव को 9 दिसंबर को मंजूरी मिली. तब ही से यह दिवस पूरी दुनिया हर साल मनाते आ रही है. इस दिवस को मनाते हुए सभी सरकारी, प्राइवेट, गैरसरकारी सस्थाएं एवं नागरिक संगठन भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुटता से लड़ाई लड़ने के लिए संकल्प लेते हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस दिन का काफी अधिक महत्व है. क्योंकि बेरोजगारी और जनसंख्या वृद्धि के तरह ही यह एक बड़ा मुद्दा है और पूरे विश्व में इसने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. घूस (रिश्वत), चुनाव में धांधली, सेक्स के बदले पक्षपात, हफ्ता वसूली, जबरन चंदा लेना, अपने विरोधियों को दबाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग, न्यायाधीशों द्वारा गलत या पक्षपातपूर्ण निर्णय, ब्लैकमेल करना, टैक्स चोरी, झूठी गवाही जैसी गलत आदतें इसमें प्रमुख रूप से शामिल है. हमारे देश में भ्रष्टाचार की जड़ें पूरी दुनिया के मुकाबले काफी गहरी दिखाई पड़ती है. भारतीय दिव्यांग को वीजा देने से ऑस्ट्रेलिया ने किया इंकार स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की लिफ्ट में आई गड़बड़ी, फंसे पर्यटक मुस्लिम भाजपा नेता को मस्जिद ने किया प्रतिबंधित, लिखा- प्रवेश वर्जित भाजपा की रथा यात्रा ममता ने रोकी, पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट